बोले उरई: ट्रेनें तो खूब गुजरती हैं, पर सफर नहीं पूरा होता
Orai News - उरई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को दिल्ली जाने के लिए सीधी ट्रेन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उच्च श्रेणी का होने के बावजूद, सफाई और सुरक्षा की समस्याएँ भी हैं। यात्रियों को कानपुर और झांसी जाकर...
उरई। सफर वहीं थम जाता है, जहां ठहराव नहीं होता। उरई स्टेशन पर रेल मुसाफिरों के लिए यह कोई शायरी नहीं, उनका दर्द है। यात्री स्टेशन पर पहुंचते हैं सफर के लिए, लेकिन वे रह जाते हैं और ट्रेन उनके सामने से चली जाती है। उरई स्टेशन को उच्च श्रेणी का दर्जा प्राप्त है फिर भी स्टेशन पर कई समस्याओं से यात्री परेशान हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों की लोकेशन निर्धारित नहीं है। इससे आए दिन ट्रेनों के आगे निकल जाने से यात्रियों में भगदड़ मच जाती है। नई दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन नहीं है, सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। कानपुर और झांसी के बीच स्थित उरई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या भी अच्छी खासी है। फिर भी तमाम ट्रेनें यहां नहीं रुकती। इस कारण दैनिक यात्रियों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लंबे समय से यात्री उरई से सीधे दिल्ली ट्रेन सेवा के लिए तरस रहे हैं। सांसद ने कुछ दिन पहले संसद में मुद्दा उठाया था साथ ही रेलमंत्री से मिलकर मांग भी रखी, फिर भी लोगों का इंतजार खत्म नहीं हुआ। रेल यात्रियों को यह समस्या उस समय सबसे ज्यादा खलती है, जब दिल्ली आना-जाना होता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से दैनिक यात्रियों ने यह दर्द बयां किया। हरिओम शिवहरे ने बताया, वाहनों के डेकोरेशन से जुड़ा व्यापार है। इसलिए हर हफ्ते दिल्ली जाना होता है। सीधी ट्रेन नहीं है। इससे रास्ते में तमाम परेशानियां आती हैं।
झांसी-कानपुर के बीच उरई उच्च श्रेणी का रेलवे स्टेशन है। 24 घंटे में झांसी-कानपुर के अलावा लंबी दूरी की 24 ट्रेनें निकलती हैं। स्टेशन को अमृत भारत का दर्जा भी मिला है। इसके बावजूद दिल्ली के लिए डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा नहीं है। गणेश शंकर त्रिपाठी ने बताया गारमेंट और दवा कारोबार से जुड़े हैं। इसलिए सामान लेने दिल्ली जाना पड़ता है लेकिन दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन उरई स्टेशन से नहीं मिलती है। दिल्ली जाने के लिए पहले कानपुर और झांसी जाना पड़ता है, इससे समय और अतिरिक्त पैसा भी खर्च होता है। विवेक गुप्ता ने कहा कि उरई से बनारस और उज्जैन को जोड़ने के लिए दो ट्रेनें अलग-अलग नाम से निकलती हैं, पर ठहराव सिर्फ 20414 व 20415 का होता है। इससे दो बड़े धार्मिक स्थल बाबा विश्वनाथ और महाकालेश्वर आने-जाने में असुविधा होती है। विजय बाजपेई ने कहा कि स्टेशन पर कई जगह सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। इससे यात्रियों को असुरक्षा का भय रहता है। पिछले दिनों प्लेटफार्म नंबर दो पर कैंटीन में तोड़फोड़ हुई थी, साथ ही कुछ दिन पहले स्टेशन पर मेमू ट्रेन में चढ़ते समय दो महिलाओं के गहने चोरी हो गए थे। इन सब घटनाओं के बाद भी उरई रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए। वहीं धर्मेंद्र यादव ने कहा कि कुछ दिनों से गांधी धाम, ग्वालियर बरौनी, चेन्नई लखनऊ और मेमू ट्रेन लोकेशन से आगे निकल जाती है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दो मिनट का स्टापेज होने से छूट जातीं ट्रेनें : ए ग्रेड के उरई स्टेशन पर ट्रेनों का स्टापेज मात्र दो मिनट का है। इससे हर रोज गाड़ियां छूट जाती हैं। लोगों को टिकट वापस कर रिफंड लेना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को होती है,जिन्हें लंबी दूरी पर जाना होता है और दिन में एक ही ट्रेन है। वह छूट जाने के बाद लोगों को वापस लौटना पड़ता है।
गंदे पड़े शौचालय : रेलवे स्टेशन पर सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। प्लेटफार्म नंबर एक, दो पर शौचालय गंदे हैं। नियमित सफाई न होने से दुर्गंध आती रहती है। इससे यात्रियों को परेशानी होती है, पर अफसरों ने कोई एक्शन नहीं लिया। कई बार इसकी शिकायत भी की गई है।
बोले यात्री
दिल्ली के लिए ट्रेन न होना जिले के लोगों के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है।
- संजय गुप्ता
व्यापारी हो या फिर आम आदमी, हर किसी का दिल्ली आना जाना रहता है। ऐसे में सीधी ट्रेन न होने से तमाम तरह की चुनौतियां रहती है, इससे मुक्ति मिले।
- तरुण तिवारी
सबसे ज्यादा बुजुर्गों के लिए यह दिक्कत है। उन्हें दिल्ली आने, जाने के लिए कानपुर व झांसी में ट्रेन बदलनी पड़ती हैं, उस समय सामान उतारने-चढ़ाने में परेशानी होती है।
- आनंद सिंह
अभी दिल्ली आने, जाने में अच्छा खासा खर्चा आ जाता है। किराये में कम सबसे ज्यादा भाड़े में पैसे लग जाते हैं। अगर सीधे ट्रेन की सुविधा मिल जाए तो बेकार के खर्च नहीं होंगे।
- हरिओम शिवहरे
अगर दिल्ली के लिए उरई से डायरेक्ट ट्रेन मिल जाए तो काफी हद तक लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी। सबसे बड़ी बात है कि उन्हें ट्रेन नहीं बदलना पड़ेगा।
- राजेश भारती
रोज के अलावा मंगलवार को बंदी के दिन व्यापारी दिल्ली माल के लिए जाते हैं। उनके लिए यह सबसे ज्यादा परेशानी भरा रहता है। रेलवे के बड़े अफसरों को ट्रेन चलाने के लिए पहल करनी चाहिए।
- शांति स्वरूप महेश्वरी
पहले तो डबल लाइन की समस्या आ रही है। अब तो वह भी दूर हो गई है, फिर भी नई दिल्ली के लिए ट्रेन का संचालन न करना अफसरों की लापरवाही को दर्शाता है।
- विशाल विस्वारी
सोचा था अमृत भारत का दर्जा मिलने से सुविधाएं बढ़ेंगी। लेकिन स्टेशन पर न तो सीसीटीवी कैमरे लगे और न ही पंखे इससे यात्रियों को परेशानी होती है। - पकंज
युवाओं को तो अक्सर एग्जाम देने के लिए दिल्ली जाना होता है। ऐसी स्थिति में सीधी ट्रेन न मिलने से परेशानी होती है। चेकिंग दल के बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है।
- अजब सिंह
उरई स्टेशन से रेलवे को पर्याप्त राजस्व भी मिलता है। इसके बावजूद स्टेशन पर सुविधाओं का अभाव है, नियमित साफ-सफाई भी नहीं कराई जाती है।
- धीरेंद्र कुमार
सुझाव
1. नए टीनशेड पर पंखे लगाकर गर्मी में यात्रियों को राहत प्रदान की जाए।
2. स्टेशन पर स्थापित भोजनालय को नियमित रूप से खुलवाया जाए।
3. स्टेशन पर बने शौचालयों की रोजाना साफ-सफाई कराई जाए।
4. उरई से सीधे दिल्ली के लिए श्रमशक्ति एक्सप्रेस का संचालन किया जाए।
5. बनारस और उज्जैन के लिए एक और ट्रेन का ठहराव
कराया जाए।
6. उरई रेलवे स्टेशन पर सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, इससे सुरक्षा बढ़ेगी।
7. गर्मी में स्टेशनों पर पीने के लिए शुद्ध ठंडा पानी की व्यवस्था की जाए, प्लेटफार्म पर वाटर कूलर लगवाए जाएं।
शिकायतें
1. उरई से होते हुए दिल्ली के लिए ट्रेन न चलने से व्यापारियों, युवा वर्ग को तमाम परेशानी होती है।
2. उच्च श्रेणी के रेलवे स्टेशन पर सफाई व्यवस्था बिगड़ी है। शौचालय गंदे पड़े रहने से यात्रियों को परेशानी होती है।
3. रेलवे स्टेशन पर स्थापित भोजनालय बंद होने से यात्रियों को भोजन के लिए भटकना पड़ता है।
4. बनारस और उज्जैन आने, जाने के लिए सिर्फ एक ही ट्रेन रुकने से यात्रियों को परेशानी होती है।
5. नए टीनशेड पर पंखे न लगे होने से यात्रियों को गर्मी में परेशानी होती है।
6. एक्सप्रेस-सुपरफास्ट ट्रेनों में जनरल बोगियों को कम किया जा रहा है। इस कारण ट्रेन पर चढ़ने में परेशानी होती है।
बोले जिम्मेदार
रेलवे बोर्ड से ही गाड़ियों के संचालन की स्वीकृति मिलती है। अब रही बात, रेलवे स्टेशन पर बिगड़ी सफाई व्यवस्था, बंद भोजनालय की तो उसकी जांच कराई जाएगी और प्रयास किया जाएगा कि यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े,साथ ही स्टेशन पर जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगें वहां पर कैमरे लगवाए जाएंगे।
-मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, उ.म. रेलवे, झांसी मंडल
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।