लखनऊ में अफसर की एसयूवी स्टार्ट करते ही धधक उठी, बाल-बाल बची जान
- शैलेश प्रयागराज जिले में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि रात उन्हें तैनाती स्थल के लिए निकलना था। वह करीब ढाई बजे गाड़ी में पहुंचे। गाड़ी स्टार्ट कर रहे थे, तभी गाड़ी खड़खड़ाने लगी। एकाएक गाड़ी से धुआं निकलने लगा। वह घबराकर बाहर निकले तबतक आग लग गई। देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।

लखनऊ के सरोजनीनगर में एल्डिको शौर्य कालोनी में गुरुवार देर रात स्टार्ट करते समय हुए शार्ट सर्किट से एक सरकारी विभाग के क्लास टू अफसर शैलेश कुमार की एसयूवी कार में आग लग गई। किसी तरह गेट खोलकर वह बाहर निकले तब तक कार धू-धूंकर जलने लगी। अफसर की जान बाल-बाल बची। दमकल कर्मियों ने दो गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया।
शैलेश प्रयागराज जिले में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि रात उन्हें तैनाती स्थल के लिए निकलना था। वह करीब ढाई बजे गाड़ी में पहुंचे। गाड़ी स्टार्ट कर रहे थे, तभी गाड़ी खड़खड़ाने लगी। एकाएक धुआं निकलने लगा। वह घबराकर बाहर निकले तबतक आग लग गई। देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। पास खड़े परिवारीजन शोर मचाने लगे। आस पड़ोस के लोग निकले उन्होंने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। आग बेकाबू होते देख दमकल को सूचना दी।
एफएसओ सरोजनीनगर सुमित कुमार सिंह ने बताया कि दमकल की दो गाड़ियां मौके पर भेजी गई। दमकल कर्मियों ने दो गाड़ियों की मदद से कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। आग शार्ट सर्किट से लगी थी। कोई हताहत नहीं हुआ।
क्या बोले मुख्य अग्निशमन अधिकारी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने लोगों से अपील की है कि गाड़ी की सर्विसिंग हमेशा अधिकृत सर्विस सेंटर में कराएं। कंपनी फिटेड वायरिंग मानक के अनुरूप होने के साथ ही गाड़ी की पावर के अनुसार होती है। इससे हादसे होने का खतरा कम रहता है। बाहर के मैकेनिक इतने एक्सपर्ट नहीं होते हैं। वह सिर्फ काम चलाऊ होते हैं। इस लिए सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।
हर महीने आठ से दस गाड़ियां बन जाती हैं आग का गोला
कार में मानक से अधिक और कंपनी से इतर एसेसरीज, हाई बीम लाइट, विभिन प्रकार की चमकीली लाइटें कतई न लगवाएं। कंपनी से लगी इलेक्ट्रिकल वायरिंग में छेड़छाड़ न करें, नहीं तो सड़क पर दौड़ती आपकी कार किसी भी समय आग का गोला बन सकती है। वहीं, देर रात सरोजनीनगर एल्डिको शौर्य कालोनी में एक अफसर की एसयूवी कार आग का गोला बन गई। इसी तरह हर महीने करीब आठ से 10 कार अथवा अन्य वाहनों में आग लगती है।
एसेसरीज में जुगाड़
रोड सेप्टी एवं ऑटो मोबाइल एक्सपर्ट सैयद एहतेशाम ने बताया कि कार में मानक से अधिक जुगाड़ तकनीक से एसेसरीज प्रेशर हार्न, लाइट से वायरिंग पर ज्यादा लोड पड़ता है।
कई घंटे लगातार सफर से खतरा
कई घंटे का लंबा सफर भी आग की वजह बन जाता है। 200-300 किमी कार चलाने के बाद कुछ देर के लिए कहीं गाड़ी रोकें और रेस्ट दें। इससे गाड़ी की हीट कम हो जाएगी।
अनट्रेंड मकैनिक से सर्विस
कार अथवा अन्य वाहनों की सर्विसिंग अधिकृत सेंटर पर ही कराना चाहिए। कहीं बाहर अथवा लोकल मकैनिक से नहीं। कंपनी के सर्विस सेंटर के मकैनिक एक्सपर्ट होते हैं।
घटिया सीएनजी किट
सीएनजी किट अधिकृत सेंटर से ही लगवाएं। कंपनी फिटिंग सीएनजी किट में सिलिंडर पर ऑटोमैटिक रेग्युलेटर व चेकवॉल लगा होता है। लीकेज पर यह चेकवॉल तुरंत खुल जाता है।
लगातार एसी-ब्लोअर से भी दुर्घटना
कार में लगातार घंटो एसी और ब्लोअर नहीं चलाना चाहिए। ऐसे में गाड़ी हीट हो जाती है। आधे से एक घंटे के अंतराल में थोड़ी-देर के लिए बंद कर देना चाहिए।