अब अयोध्या के मिल्कीपुर में बजेगा उपचुनाव का बिगुल, 24 की हार की भरपाई में जुटी बीजेपी
- अब उपचुनाव का बिगुल अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में बजेगा। निर्वाचन आयोग इस उपचुनाव की तिथियां जब भी घोषित करे भाजपा हर समय चुनाव के लिए तैयार बैठी है। भाजपा यूपी के साथ ही पूरे देश को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या जिले में भाजपा की पकड़ कमजोर नहीं पड़ी है।
Milkipur by-election: यूपी में उपचुनाव का बिगुल अब अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में बजेगा। निर्वाचन आयोग इस उपचुनाव की तिथियां जब भी घोषित करे भाजपा हर समय चुनाव के लिए तैयार बैठी है। एक विधानसभा के उपचुनाव के जरिए भाजपा यूपी के साथ ही पूरे देश को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या जिले में भाजपा की पकड़ कमजोर नहीं पड़ी है। इस संदेश को आगे ले जाने की दिशा में काम पिछले छह महीने से चल रहा है, इंतजार महज उपचुनाव की तिथियों के घोषित होने की है।
मिल्कीपुर में भाजपा संगठन चुनावी तैयारियों में सक्रिय
भाजपा अयोध्या के जिलाध्यक्ष संजीव सिंह का कहना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए पार्टी तैयार बैठी है। बूथ स्तर तक कार्यकर्ता पिछले छह महीने से सक्रिय हैं। लोकसभा चुनाव में अयोध्या की जनता के बीच संविधान बदलने का भ्रम फैलाने का जो लाभ विपक्ष ने उठाया था, अब उसका पर्दाफाश हो चुका है। जनता सपा के बहकावे में नहीं जाने वाली है। मिल्कीपुर का हर वर्ग भाजपा की नीतियों के साथ आएगा। जिलाध्यक्ष के मुताबिक उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही के साथ ही तीनों राज्यमंत्री क्षेत्र में साप्ताहिक बैठकें कर चुके हैं। चुनावी तैयारियों की बैठकें अब भी जारी हैं। चार महीने में भाजपा के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह तीन बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एक बार दौरा कर चुके हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या के चार दौरे कर चुके हैं।
दलित, यादव और ब्राम्हण मतदाता होते हैं निर्णायक
मिल्कीपुर विधानसभा में सबसे अधिक करीब एक लाख मतदाता दलित (एससी) वर्ग से हैं। इसके बाद यादव व ब्राम्हण मतदाताओं की संख्या करीब 60-60 हजार बताई जा रही है। ठाकुर और चौरसिया बिरादरी के मतदाताओं की तादाद भी करीब 25-30 हजार के बीच है।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद के प्रभाव को कम करने की होगी चुनौती
मिल्कीपुर विधानसभा में उपचुनाव का रास्ता साफ होने के साथ ही वहां पर राजनीतिक हलचलें शुरू होने जा रही हैं। इस सीट की अहमियत इसलिए भी और बढ़ी हुई है क्योंकि इसी विधानसभा क्षेत्र से सपा के सीटिंग विधायक अवधेश प्रसाद ने 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता लल्लू सिंह को चुनाव हराकर पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थी। विपक्ष अयोध्या की हार के नगमें पूरे देश में गाता नजर आया था। उपचुनाव में इस सीट से इस बार भाजपा के सामने सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद मुकाबले में नजर आएंगे। सपा के लिए यहां चुनाव की बागडोर खुद सांसद अवधेश प्रसाद सक्रिय हैं।
मित्रसेन का लंबे समय तक इस क्षेत्र में रहा है प्रभाव
मिल्कीपुर विधानसभा सीट लंबे समय तक कम्युनिष्ट नेता मित्रसेन यादव के प्रभाव में रही है। मित्रसेन यहां से कई बार विधायक चुने गए थे। भाजपा को इस सीट पर अब तक महज दो बार सफलता मिली है। पहली बार 1911 में और दूसरी बार 2017 के प्रचंड लहर में। 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा के सीटिंग विधायक को सपा नेता अवधेश प्रसाद ने करीब 13 हजार मतों से हराया था। 2012 में भी अवधेश प्रसाद यहां से चुनाव जीते थे।
2022 विधानसभा चुनाव
अवधेश प्रसाद (सपा)-कुल वोट मिले- 103905
बाबा गोरखनाथ (भाजपा)- कुल वोट मिलें-90567
13338 मतों से सपा की जीत हुई थी।