महाशिवरात्रि के बाद काशी में नागा साधुओं का समागम,10 मार्च को महाभोज में होंगे शामिल
महाशिवरात्रि उत्सव के बाद नागा साधु काशी में भव्य भंडारे का आयोजन होगा। यह 10 मार्च से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगा। इसमें देशभर के नागा साधु भाग लेंगे। इस महासंगत और भंडारे का आयोजन जूना अखाड़ा द्वारा किया जा रहा है।

महाशिवरात्रि उत्सव के बाद नागा साधु काशी में भव्य भंडारे का आयोजन करने जा रहे हैं। यह आयोजन 10 मार्च से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगा। इसमें देशभर से आए नागा साधु भाग लेंगे। इस महासंगत और भंडारे का आयोजन जूना अखाड़ा द्वारा किया जा रहा है। परंपरा के अनुसार, महाशिवरात्रि पर्व पर अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में पूजा-अर्चना करने के बाद नागा साधु काशी में एकत्र होते हैं और इस भव्य भंडारे में सम्मिलित होते हैं। यह आयोजन महाकुंभ के उपरांत की विशेष धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, जिसमें संतों का महासंगम होता है।
भंडारे की शुरुआत सोमवार यानी 10 मार्च से होगी, जिसमें पहले दिन ही 5000 से अधिक नागा साधु प्रसाद ग्रहण करेंगे। पूरे आयोजन के दौरान 500 से 2000 तक संत-नागा साधु प्रतिदिन इसमें शामिल होने और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने की उम्मीद है। वाराणसी में यह महासंगम धार्मिक वातावरण को और पावन बना देगा। इस दौरान श्रद्धालु भी संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। जूना अखाड़ा द्वारा आयोजित इस भंडारे की तैयारियां जोरों पर हैं, ताकि नागा साधुओं और संतों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
धार्मिक नगरी काशी में भक्तिमय माहौल
महाशिवरात्रि के बाद काशी में इस महासंगम का विशेष महत्व है। संतों का यह भंडारा अध्यात्म, सेवा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को भी भंडारे में शामिल होने और प्रसाद ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।
होली खेलने के बाद वापस अपने अखाड़ों में लौट जाएंगे नागा साधु
महाशिवरात्रि के बाद ही नागा साधु वाराणसी पहुंचे। यहां मसाने की होली खेलने के बाद वापस लौट जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नागा साधु इसके बाद वाराणसी से अपने अखाड़ों की ओर लौट जाएंगे तो वहीं कुछ साधु तपस्या के लिए भी जा सकते हैं।
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