बिना दूल्हे के 20 से अधिक लड़कियों की शादी, दहेज का सामान भी दिया, 10-10 हजार में बांटे सर्टिफिकेट
- यूपी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को भी जिले के जिम्मेदारों ने तमाशा बना दिया। बलिया जिले में आयोजित सामूहिक विवाह सामरोह में फर्जीवाड़े का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था क अब कौशांबी में अफसरों की मिलीभगत के चलते खेल हो गया।
यूपी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को भी जिले के जिम्मेदारों ने तमाशा बना दिया। बलिया जिले में आयोजित सामूहिक विवाह सामरोह में फर्जीवाड़े का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब कौशांबी में अफसरों की मिलीभगत के चलते खेल हो गया। सिराथू के एक डिग्री कॉलेज में कराए गए शादी समारोह में बिना दूल्हे के ही लड़कियों की शादी करा दी गई। इतना ही नहीं शादी में आए उपहार भी दुल्हन को दे दिए गए। समारोह के बाद कन्याओं को मैरिज सर्टिफिकेट भी दे दिए गए। इसके लिए 10-10 हजार रुपये भी लिए गए। मामले की शिकायत जब अफसरों तक पहुंची तो इसकी जांच कराई गई। जांच के बाद हकीकत सही पाए जाने पर समाज कल्याण विभाग में खलबली मच गई।
सिराथू के डीएस मौर्या ने राज्यमंत्री समाज कल्याण विभाग से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धांधली की शिकायत की है। आरोप है कि 23 नवंबर को सिराथू ब्लाक के बाबू सिंह डिग्री कॉलेज में शादी समारोह हुआ था। इस आयोजन में दो सौ से अधिक जोड़ों की शादी कराई गई थी। आरोप है कि जोड़ों के चयन के लिए समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी ने लोगों से दो से तीन हजार रुपये की वसूली की। यह भी आरोप लगाया है कि 20 से अधिक ऐसी कन्याएं थीं, जिनके वर समारोह में आए ही नहीं थे। ऐसे लोगों से 10-10 हजार रुपये लेकर मैरिज सर्टिफिकेट के अलावा समारोह के सभी लाभ दे दिए गए। इस शिकायत को लेकर अब समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मचा है। मामले में डीएम मधुसूदन हुल्गी ने सीडीओ से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है।
दलालों के माध्यम से रुपये वसूलने का है आरोप
शिकायतकर्ता ने सहायक विकास अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में सहायक विकास अधिकारी पर यह आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से शादियां करवाई। जोड़ों के चयन के लिए दलालों के माध्यम से रुपया वसूलवाया। शादी समारोह के नियम व मानकों की धज्जी उड़ाकर रख दी गई थी।
इन गांवों की लड़कियों की शादी में नहीं शामिले थे दूल्हे
शिकायतकर्ता डीएस मौर्य ने बताया है कि 23 नवंबर को हुए शादी समारोह में 20 से अधिक कन्याओं के वर आए ही नहीं थे। बाकायदा रुपये लेने के बाद सहायक विकास अधिकारी ने कागजों में शादी करवा दी और प्रमाण पत्र जारी कर दिया। आरोप है कि मीठेपुर सयारा, अंदावा, सौंरई बुजुर्ग, शहजादपुर, कोखराज के अलावा अन्य कई गांव की ऐसी लड़कियां थीं, जिनके दूल्हा शादी में थे ही नहीं।
शादी योजना में धांधली की जांच के लिए कमेटी गठित
शादी में हुई धांधली की शिकायत को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए कमेटी गठित की है। टीम को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट दी जाए। डीएम के कमेटी गठित करते ही समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया है। सिराथू क्षेत्र के डीसी मौर्य ने समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है।
डीसी मौर्य का आरोप है कि नवंबर माह सिराथू के बाबू सिंह डिग्री कालेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन कराया गया था। यहां करीब 200 जोड़ों की शादी कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया है कि 20 ऐसी कन्याओं की शादी करा दी गई थी, जिनके वर आए ही नहीं थे। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन में वसूली की गई थी। मामले को डीएम मधुसूदन हुल्गी ने गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए टीम गठित की है। टीम में जिला विकास अधिकारी और लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग को रखा गया है। दोनों अधिकारियों से एक हफ्ते के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है।