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बिना दूल्हे वाला सामूहिक विवाह; 568 की शादी, 25 की ही जांच में 8 फर्जी, अफसरों पर एक्शन शुरू

यूपी के बलिया में बिना दूल्हे वाले सामूहिक विवाह के मामले में एक्शन शुरू हो गया है। समाज कल्याण के एडीओ पर केस दर्ज करने के साथ ही निलंबित कर दिया गया है। अभी केवल 25 की ही जांच हुई और 8 फर्जी मिले।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, बलियाTue, 30 Jan 2024 07:53 PM
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बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी की तहरीर पर मंगलवार शाम मनियर थाने में एडीओ (समाज कल्याण) के खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया। डीएम ने एडीओ सुनील कुमार यादव के निलंबन की भी सिफारिश कर दी है। प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार यादव को हटा दिया गया। उनकी जगह जिला समाज कल्याण अधिकारी के रुप में दीपक श्रीवास्तव ने कार्यभार ग्रहण किया है। राजीव यादव जिला दिव्यांग जन कल्याण अधिकारी हैं। जांच कमेटी ने अभी तक 568 में से 25 लाभार्थियों का सत्यापन किया। इसमें से 8 फर्जी मिले हैं। ज्यादातर दुल्हनों की पहले ही शादी हो चुकी है। इन आठ महिला लाभार्थियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया। 

मनियर इंटर कॉलेज में 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। इसमें 568 जोड़ों का विवाह कराने का दावा किया गया। पता चला कि फर्जी लाभार्थी भी योजना में शामिल रहे। मामले से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद ‘हिन्दुस्तान’ ने पूरी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। सीडीओ ओजस्वी राज ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। जांच अधिकारियों ने सोमवार को मनियर ब्लॉक की दो ग्राम पंचायतों के करीब 25 लाभार्थियों का सत्यापन किया। इनमें आठ महिला लाभार्थी फर्जी मिलीं।

बिना दूल्हे सैकड़ों दुल्हनों की करा दी शादी, देखिए वीडियो

इनमें सुल्तानपुर गांव की पांच व मानिकपुर गांव की तीन महिलाएं शामिल हैं। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने तहरीर देकर मनियर ब्लॉक के एडीओ (समाज कल्याण) सुनील कुमार यादव व आठ फर्जी महिला लाभार्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। डीएम रवींद्र कुमार के अनुसार जांच में अगर अनियमितता सामने आती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। एडीओ (समाज कल्याण) सुनील कुमार यादव के निलंबन की संस्तुति कर दी गई है।

भाई-बहन, भसुर-भवह भी बन गए लाभार्थी!
सामूहिक विवाह में खेल के सत्यापन में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को जांच के लिए पहुंची टीम ने असली व नकली लाभार्थियों की सूची तैयार कर देर शाम अधिकारियों को सौंप दी। इस आधार पर अब कई अधिकारियों-कर्मचारियों व लाभार्थियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस पूरे प्रकरण में जिला समाज कल्याण विभाग व ब्लॉकों के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है। 

चर्चा है कि एक अधिकारी ने बेरुआरबारी ब्लॉक के भरखरा गांव में लाभार्थियों का सत्यापन किया तो कई फर्जी लाभार्थी मिले। सूत्रों की मानें तो भरखरा ग्राम सभा के ही जयनगर पुरवा में कई ऐसे लोग हैं जिनके नाम सूची में नहीं हैं लेकिन 25 जनवरी को सामूहिक विवाह में बांटे गये उपहार लिए। ग्रामीणों के अनुसार विवाह में भाई-बहन, भयोहू-भसुर भी लालच में वर-वधू बनकर शामिल हुए थे। वैसे ब्लॉक से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों का कहना है कि सत्ताधारी दल से जुड़े नेताओं के समर्थकों ने भी अपनी ओर से कई लोगों का नाम सूची में शामिल कराया था।

किसी की तीन साल पहले शादी, किसी की तय ही नहीं
फर्जीवाड़ा की जांच में कई हैरान करने वाले मामले सामने आये हैं। दोबारा सत्यापान में कुछ लाभार्थियों की शादी दो से तीन साल पहले ही हो चुकी है, जबकि कुछ की अभी तय भी नहीं है। मंगलवार को ऐसी ही आठ लाभार्थियों के खिलाफ मनियर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पहले दिन यानि सोमवार को सीडीओ की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने दो गांवों मानिकपुर व सुल्तानपुर की रहने वाली लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन किया। उन्होंने अधिकारियों को दी गयी जांच रिपोर्ट में बताया है कि मानिकपुर में दो लड़कियों की शादी मार्च 2023 में ही हो चुकी है, जबकि एक की शादी जून 2023 में हुई है।

इसी प्रकार एक लड़की की शादी तीन वर्ष पहले हो चुकी है, जबकि एक की एक साल पहले, एक की नवम्बर 2023 व एक की जुलाई 2023 में ही शादी हुई है। जांच में एक लाभार्थी के बारे में पता चला कि उसकी अभी शादी ही तय नहीं हुई है। 

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