सीएम सामूहिक विवाह योजना में धांधली? दूल्हा-दुल्हन को नहीं मिला उपहार सामग्री, जानें वजह
- हरदोई जिले मेंमुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दौरान शादी के जोड़े में बंधे नवदंपतियों के साथ खेल हो गया। सरकार की तरफ से मिलने वाले उपहार दूल्हा-दुल्हन को नहीं दिया गया। दरअसल उपहार सामग्री घटिया क्वालिटी की थी।
यूपी के हरदोई जिले में 14 नवंबर को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दौरान शादी के जोड़े में बंधे नवदंपतियों के साथ खेल हो गया। सरकार की तरफ से मिलने वाले उपहार दूल्हा-दुल्हन को नहीं दिया गया। दरअसल जिस फर्म को उपहार सामग्री सप्लाई का टेंडर मिला था उसने घटिया क्वालिटी के सामान भिजवा दिया था। जिस पर ऐक्शन लेते हुए डीएम एमपी सिंह के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने हाथरस की फर्म के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
गुरुवार को सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 614 जोड़ों ने फेरे लिए लेकिन उन्हें उपहार नहीं बांटे गए। इसके चलते 23 नवंबर को होने वाली 605 जोड़ों की शादी टाल दी गई। एक जोड़े को 10 हजार कीमत के उपहार मिलने थे। शहर के आईटीआई परिसर में गुरुवार को 914 जोड़ों ने खुशी-खुशी फेरे लिए लेकिन जब पता चला कि उनको उपहार नहीं मिल पाएंगे तो मायूस हो गए। अफसरों ने बताया कि उपहार में आयी सामग्री घटिया है इसलिए वितरित नहीं की जा रही है। डीएम ने घटिया सामग्री सप्लाई करने वाली फर्म पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया।
जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाकांत ने देर शाम हाथरस की फर्म गायत्री फूड्स प्रालि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। समाज कल्याण अधिकारी के अनुसार, फर्म के निदेशक प्रदीप कुमार गोयल ने घटिया सामग्री दी। नगर मजिस्ट्रेट एसके त्रिवेदी की अध्यक्षता में कमेटी की जांच में उपहार की साड़ी, चुनरी, फेटा, पेटीकोट, स्टील डिनर सेट, कुकर, चांदी की बिछिया-पायल, दीवाल घड़ी और हाथ की घड़ी घटिया क्वालिटी की मिली।
मानकविहीन सामग्री देने वाली संस्था पर होगी एफआईआर
हर जोड़े को 10 हजार कीमत की उपहार सामग्री देनी थी, जब डीएम ने सामग्री देखी तो उन्हें मानकविहीन दिखी। इस पर उन्होंने वितरण न करने के निर्देश दिए। डीएम ने मंच से जोड़ों को संबोंधित करते हुए बताया हाथरस की गायत्री फुड्स प्राइवेट लिमिटेड ने जो सामग्री देने को रखी है। वह गुणवत्ताविहीन है। इसलिए उसको ब्लैकलिस्ट करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही कहा 15 दिन के अंदर दूसरी संस्था से आपूर्ति कराकर वर-वधुओं के घर उपहार भिजवाए जाएंगे। वहीं 23 नवंबर को होने वाला विवाह समारोह भी अब दिसम्बर में कराया जाएगा।
सामग्री वितरण में उठे सवाल
गुणवत्ता विहीन सामग्री पर समाज कल्याण विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। समारोह से पहले करीब तीन से चार महीने पहले से उपहार का टेंडर और सामग्री की सभी 15 आइटमों की जांच हो रही थी। सत्यापन के वक्त आखिर समाज कल्याण अधिकारी सहित सभी जिम्मेदारों ने मानकविहीन सामग्री पर सवाल क्यों नहीं उठाए। साथ ही समारोह से ठीक पहले जब सामग्री आई तो आयोजन समिति ने सामग्री की जांच-पड़ताल क्यों नहीं की।
समारोह में 42 जोड़े नहीं आए
विवाह कार्यक्रम में कुल 656 जोड़ों का विवाह कराने की व्यवस्था की गई थी। जिसमें हिन्दू के 632 व मुस्लिम समाज के 24 जोड़े शामिल हैं। समारोह में कुल 614 जोड़े पहुंचे। जिसमें 596 हिन्दू व 18 मुस्लिम जोड़ों ने एक-दूसरे का हाथ थामा।
614 जोड़े सात जन्मों के बंधन से बंधे
आईटीआई परिसर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में हिन्दू और मुस्लिम रीति-रिवाजों के साथ 614 जोड़े सात जन्मों के बंधन में बंध गए। वहीं, जोड़ों को दी जाने वाली 10 हजार रुपये कीमत की उपहार सामग्री मानकविहीन होने पर डीएम ने बांटने पर रोक लगा दी। इससे जोड़ों को मायूस होना पड़ा।