80 ऐडड स्कूलों ने खड़े किए हाथ, वित्तविहीन स्कूलों ने साधी चुप्पी
Meerut News - माध्यमिक स्कूलों में समर कैंप लगाना चुनौती बन गया है। छुट्टियों में बच्चों को स्कूल बुलाने में वित्तविहीन और ऐडड स्कूलों ने असहमति जताई है। 132 ऐडड स्कूलों में से 80 ने असहमति दी और वित्तविहीन स्कूलों...

माध्यमिक स्कूलों में समर कैंप लगाना बड़ी चुनौती बन गया है। छुट्टियों में समर कैंप लगाना व बच्चों को स्कूल बुलाने जैसी स्थिति से ऐडड व वित्तविहीन स्कूलों ने किनारा करना शुरू कर दिया है। शनिवार को वित्तविहीन स्कूलों, ऐडड स्कूलों, राजकीय स्कूलों से सहमति पत्र मांगे गए, जिसमें से राजकीय स्कूलों में तो समर कैंप के निर्देश हैं, लेकिन ऐडड स्कूलों में 80 स्कूलों ने असहमति दर्ज की तथा वित्तविहीन स्कूलों ने चुप्पी साधे रखी। समग्र शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक भूपिंदर चौधरी ने जानकारी दी कि शनिवार को सहमति पत्र मांगे गए थे। सहमति पत्र में 132 ऐडड स्कूलों में से 80 ने असहमति दर्ज की और 233 वित्तविहीन स्कूलों से कोई सहमति नहीं मिली।
समर कैंप के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं, क्योंकि 50 राजकीय स्कूलों में समर कैंप लगाए जाएंगे। कैंप का समय सुबह 7.30 बजे से 10.30 तक रखा गया है। कैंप में लोकऩृत्य व भारतीय संस्कृति पर फोकस रहेगा। स्कूलों को पांच फोटों व एक वीडियो भी अपलोड करनी होगी। गर्मियों में नहीं आते हैं बच्चे एक शिक्षक ने बताया कि स्कूलों में अब मई के अंत तक अवकाश होते हैं और एक-डेढ़ माह के अवकाश में बच्चे घूमने चले जाते हैं। ऐसे में बच्चों को स्कूल बुलाना मुश्किल हो जाता है। वहीं, शिक्षक नेता राजेश शर्मा ने बताया कि बच्चों को गर्मियों की छुट्टी में बुलाना सबसे मुश्किल काम है। बच्चे आने को तैयार नहीं होते हैं। यदि आएंगे भी तो एक या दो बच्चे ही उपस्थित रहेंगे। समर कैंप में पांच से छह दिन तक तो बच्चे रहते हैं, लेकिन इसके बाद आना बंद कर देते हैं। पिछले वर्ष भी स्कूलों में यही स्थिति रही।
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