'BJP ध्यान बंटाने के लिए चलाती है सांप्रदायिक एजेंडा', मायावती ने साधा निशाना; बोलीं-सत्ता की चाबी...
- बसपा प्रमुख मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद शनिवार को समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की तरह भाजपा भी सांप्रदायिक एजेंडे पर काम करती है। इससे हमें सावधान रहने की ज़रूरत है।
BSP Supremo Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद शनिवार को लखनऊ में समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की तरह भाजपा भी सांप्रदायिक एजेंडे पर काम करती है। इससे हमें सावधान रहने की ज़रूरत है। उन्होंने बहुजन समाज के लोगों से कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में लिए बिना कल्याण होने वाला नहीं है।
मायावती ने शनिवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड राज्य के पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों सहित पार्टी के अन्य सभी ज़िम्मेदार लोगों के साथ बैठक की। उन्होंने लोगों से देश और समाज को संकीर्ण जातिवादी और साम्प्रदायिक तत्वों की जकड़ से निकालने के लिए ख़ासकर दलित और अन्य अम्बेडकरवादी बहुजनों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्ति के लिए संघर्ष को और मजबूत और तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की तरह ही वर्तमान में भाजपा की भी गरीब-विरोधी और धन्नासेठ समर्थक नीतियों और कार्यकलापों के विरुद्ध लोगों में वही आक्रोश व्याप्त है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का ध्यान बंटाने के लिए यह पार्टी भी किस्म-किस्म के नये जातिवादी और साम्प्रदायिक हथकंडों का इस्तेमाल करती रहती है। नाव में इसका लाभ भी ले लेती है।
उन्होंने कहा कि विशेषकर चुनावों के समय में जनहित और जनकल्याण के किए गए लुभावने वादों को सरकार बन जाने पर उनको ईमानदारी से निभाने की बजाए उन्हें पूरी तरह से भुला देने आदि की तरह इसी प्रकार की अन्य नकारात्मक और घिनौनी राजनीति से आम जनहित और देश का कुछ भी भला नहीं होता है। बल्कि जनसमस्याएं यथावत बरकरार रहती हैं। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार भी संवैधानिक दायित्वों को निभाने के वैधानिक कार्यों से अधिक धर्म को आड़ बनाकर अपनी राजनीति साधने में कोई पीछे नजर नहीं आती है। यही कारण है कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी और पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड में भी महंगाई की जबरदस्त मार झेल रहे सर्वसमाज के करोड़ों लोग गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और पिछड़ेपन आदि का अंधकारमय जीवन जीने को लगातार मजबूर हैं। यह अति-दुखद है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा धनबल, बाहुबल व सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त पाक-साफ चुनाव कल की तरह आज भी बड़ी चुनौती। ऐसे में आम जनता का चुनावी तंत्र पर विश्वास की कमी संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। इसीलिए संविधान के हिसाब से चेक एण्ड बैलेन्स की जो व्यवस्था है उसको लेकर सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। इसके साथ ही, अडानी समूह और संभल मस्जिद को लेकर उभरा विवाद ऐसे चर्चित मुद्दे हैं जिसको लेकर सरकार और विपक्ष में जबरदस्त तकरार हो रही है। टकराव के कारण संसद की कार्रवाई ठीक से नहीं चलने से वर्तमान शीतकालीन सत्र का महत्व शुन्य होना कितना उचित? उन्होंने कहा कि संसद की कार्रवाई अवश्य चलनी चाहिए।