Fake Signatures on EWS Certificates Spark Investigation in Mathura ईडब्लूएस फर्जीवाड़े से तहसीलों में पलटीं फाइलें, Mathura Hindi News - Hindustan
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ईडब्लूएस फर्जीवाड़े से तहसीलों में पलटीं फाइलें

Mathura News - मथुरा में सामान्य जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जारी ईडब्लूएस प्रमाण-पत्रों में तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षरों का मामला सामने आया है। तीन सदस्यीय जांच समिति ने जांच तेज कर दी है और रिपोर्ट...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराFri, 16 May 2025 03:56 AM
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ईडब्लूएस फर्जीवाड़े से तहसीलों में पलटीं फाइलें

मथुरा,सामान्य जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जारी होने वाले (ईडब्लूएस) प्रमाण-पत्रों को तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षरों से जारी किए के मामले को लेकर गुरुवार को जनपद की अन्य तहसीलों में भी खलबली मची रही। आरसी ऑफिस को भी अलर्ट किया गया। इधर, सदर तहसील के मामले में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने जांच काम तेज कर दिया। एक-दो दिन कमेटी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी। बताते चलें कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए इकोनामिकली वीकर सेक्शन (ईडब्लूएस) के प्रमाण-पत्र सदर तहसील के आरसी ऑफिस से जारी हुए थे। इन प्रमाण-पत्रों को तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से जारी कर दिया गया, जिनके पकड़ में आने बाद खलबली मची हुई है।

जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने सख्त रूख अपनाते हुए जांच समिति गठित की है। तीन सदस्यीय समिति में तहसीलदार सौरभ यादव, नायब तहसीलदार अनमोल गर्ग व कानूनगो विजय कुमार बघेल हैं। जांच समिति को अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपनी है। गुरुवार को इस प्रकरण को लेकर महावन, छाता, मांट व गोवर्धन तहसीलों में भी खलबली मची रही। तहसीलदार भी आरसी आफिस के संपर्क में रहे। पूछा जाता रहा कि सदर तहसील जैसा कोई मामला तो नहीं है। इधर, सदर तहसील में तो खलबली मची रही। सुबह जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह तहसील पहुंचे तो यहां मौजूद अधिवक्ता व अन्य लोगों को लगा कि ईडब्लूएस प्रकरण में तो जिलाधिकारी तहसील नहीं आए हैं। जिलाधिकारी को तहसील में पौधारोपण करना था। पौधारोपण के पश्चात जांच समिति ने जांच के काम को आगे बढ़ाना शुरू किया। पूरे प्रकरण की जांच एक-दो दिन में पूरी होने की संभावना है। जांच के बाद दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस मामले में जिन लोगों के ईडब्लूएस फर्जी हस्ताक्षरों से जारी हुए हैं, उनमें भी खलबली मची हुई है। जांच समिति द्वारा उनसे भी संपर्क किया जा सकता है, ताकि और गहराई से जांच की जा सके। यह भी खुलासा हो संभव है कि फर्जी हस्ताक्षरों से उक्त ईडब्लूएस जारी किए जाने के पीछे को कहीं कोई भ्रष्टाचार तो नहीं है। इतना ही नहीं जिनके ईडब्लूएस जारी किए गए थे, वे ईडब्लूएस की श्रेणी में आते भी हैं या नहीं।

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