Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Mahakumbh stampede Four members of family died woman kept screaming after seeing the bodies of those killed

1600 किलोमीटर दूर से महाकुंभ आए कर्नाटक के एक ही परिवार के चार लोगों की भगदड़ में गई जान

महाकुंभ भगदड़ में सबसे बड़ी चोट कर्नाटक की एक महिला को मिली है। उसके परिवार के चार लोगों की जान चली गई है। अपनों का शव पोस्टमार्टम हाउस पर देखकर बार-बार महिला एक ही वाक्य दोहराती रही। बार-बार चीख चीखकर कहती रही कि मेरे परिवार के चार लोगों को छीन लिया।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 29 Jan 2025 11:06 PM
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1600 किलोमीटर दूर से महाकुंभ आए कर्नाटक के एक ही परिवार के चार लोगों की भगदड़ में गई जान

महाकुंभ भगदड़ में एक साथ एक ही परिवार के चार लोगों की भी मौत हुई है। 1600 किलोमीटर दूर कर्नाटक से यह परिवार आया था। उसके परिवार की बची महिला पोस्टमार्टम हाउस पर अपनों के चार शवों को देखकर बार-बार एक ही वाक्य दोहराती रही। बार-बार चीख चीखकर कहती रही कि मेरे परिवार के चार लोगों को छीन लिया। इसी तरह जौनपुर से आई एक महिला के परिवार में दो लोगों की मौत हो गई और एक घायल हैं। इस महिला की मां और भाभी की जान चली गई है। पोस्टमार्टम हाउस का नजारा बुधवार को एक साथ दो दर्जन से ज्यादा शवों को देखकर डराने वाला नजर आ रहा था। हर तरफ से चीखें सुनाई दे रही थीं।

हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज के एनाटमी विभाग के सामने कई लोग अपनों के शव लेने के इंतजार में बैठे थे। बाहर बैठे पीड़ित परिजन का रोक-रोकर बुरा हाल था। रोते-बिलखते मृतकों के परिजनों के अलावा एनाटमी विभाग के अंदर से एक महिला की चींख सुनाई पड़ रही थी। कुछ देर बाद दो महिलाओं को परिसर में ही बाहर लाया गया। बाहर आने के बाद कर्नाटक के बेलगाम की सरोजा ने कहा कि उनके परिवार के चार लोगों को छीन लिया। यही एक वाक्य वो लगातर कहते हुए रो रही थीं। सरोजा के साथ आई बेलगाम की कंचन के पति की हादसे में मौत हो गई। दोनों की हालत देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने परिसर के अंदर रखा। मृतकों के परिजन मीडिया से बात कर रहे थे, लेकिन सरोजा और कंचन को किसी से बात नहीं करने दिया गया।

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मां और भाभी आंख के सामने चली गईं

प्रयागराज। मां, पिता, भाभी और भतीजी के साथ मौनी अमावस्या पर संगम स्नान करने आईं उसरायपुर जौनपुर की जगवंती देवी के लिए महाकुम्भ का दूसरा स्नान पर्व काल बन गया। भगवंती परिवार के साथ देर रात संगम स्नान करने जा रहीं थीं तभी भगदड़ मची। भगदड़ में जगवंती की मां रामपती और भाभी रीता गिर गईं। धक्कामुक्की में पिता के हाथ में चोट आई। जगवंती भी गिरकर बेहोश हो गईं। कुछ देर बाद होश आया तो जगवंती ने देखा कि उनकी मां और भाभी की मौत हो चुकी है।

कुछ देर में एंबुलेंस दोनों का शव पहले परेड स्थित केंद्रीय अस्पताल ले गई। वहां से दोनों का शव मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। शव की प्रतीक्षा में बैठीं जगवंती ने बताया कि मां और भाभी को खो चुके हैं। घायल पिता का पता नहीं चल रहा है। साथ आई सात साल की भतीजी की भी जानकारी नहीं है। जगवंती के अनुसार भाई को भी नहीं बता पा रहे हैं। वह हृदय रोगी हैं।

भगदड़ में बचपन के साथी का छूटा साथ

प्रयागराज। मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ में दो बचपन के दोस्तों का साथ छूट गया। ओडिशा के बारीपद के शुभेंदु अपने बचपन के मित्र झारखंड के शिवप्रसाद के साथ संगम स्नान करने आए थे। देर रात मची भगदड़ में शिवप्रसाद दब गए। लोगों की भीड़ हटी और शुभेंदु ने देखा कि उनका दोस्त अचेत पड़ा है। शिवप्रसाद को केंद्रीय अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

अपने बचपन के साथी का शव लेने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचे शुभेंदु के आंसू नहीं रुक रहे थे। शुभेंदु ने बताया कि बचपन से साथ पढ़ाई की। नौकरी मिलने के बाद झारखंड छोड़कर ओडिशा आ गया। चार साल पहले दोनों सेवानिवृत्त हुए। दोनों महाकुम्भ को यादगार बनाने के लिए साथ संगम स्नान करने आए। हादसे ने ऐसी यादें दीं कि अब दोस्त खोने के गम में आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं बचा।

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