महाकुंभ का महाउत्साह; प्रयागराज स्टेशन पर श्रद्धालुओं का रेला, मौनी अमावस्या से ज्यादा चलानी पड़ीं ट्रेनें
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रेला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार संगम स्नान के लिए श्रद्धालु महाकुंभ पहुंच रहे हैं। इसके कारण प्रयागराज समेत सभी स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ी हुई है।
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महाकुंभ का महाउत्साह कम होने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को भी आस्थावानों की भीड़ उमड़ी। रात आठ बजे तक 1.35 करोड़ आस्थावान संगम में स्नान कर चुके थे। इसमें रविवार तक स्नान करने वाले 52.96 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या जोड़ दी जाए तो अब तक महाकुंभ में 54.31 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। प्रयागराज जंक्शन समेत सभी स्टेशनों पर श्रद्धालुओं का रेला दिखाई दे रहा है। रविवार को यह हालात ऐसे हो गए कि मौनी अमावस्या से ज्यादा ट्रेनें चलानी पड़ी।
सोमवार सुबह से ही चारों दिशाओं से श्रद्धालुओं का रेला मेले की ओर बढ़ने लगा। मेला क्षेत्र में 12 नंबर पीपा पुल सुबह सवा सात बजे झूंसी से संगम की ओर आने वाले श्रद्धालुओं से भरा हुआ था तो वहीं दूसरी ओर सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से संगम की ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती देख प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज चौराहे पर बैरिकेडिंग कर भीड़ को बालसन चौराहे की ओर मोड़ दिया। कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद भी आस्थावानों का उत्साह कम नहीं हुआ।
महाकुम्भ को लेकर श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि रविवार सुबह आठ बजे तक जहां 37.59 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया था तो वहीं सोमवार सुबह आठ बजे तक 36.35 लाख श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा चुके थे। ये स्थिति तब है जब मेला क्षेत्र से सभी दस लाख कल्पवासी अपने घरों को जा चुके हैं। सोमवार को सुबह दस बजे तक 58.13 लाख, दोपहर 12 बजे तक 75.92 लाख, दो बजे तक 92.50 लाख और शाम चार बजे तक 1.08 करोड़ और छह बजे तक 1.23 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे।
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मौनी अमावस्या से ज्यादा 16 फरवरी को चली ट्रेनें
प्रयागराज। सप्ताहांत (वीकेंड) पर इस बार इतनी भीड़ उमड़ी कि रेलवे को इमरजेंसी प्लान लागू करके मांग के अनुसार (ऑन डिमांड) लगातार ट्रेनें चलानी पड़ीं। श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने 16 फरवरी को 29 जनवरी को हुए महाकुम्भ के छह स्नान पर्वों में सबसे महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या स्नान पर्व से भी ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया। 24 घंटे महाकुम्भ स्पेशल और रूटीन की ट्रेनों को संचालित कर 18.48 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।
एनसीआर के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर 222 मेला स्पेशल समेत कुल 364 ट्रेनों का संचालन किया गया था। 16 फरवरी को भी उसी तरह से भीड़ उमड़ी थी। इमरजेंसी प्लान लागू करके भीड़ को नियंत्रित किया गया। इसके साथ ही हर रूट की ट्रेनों का संचालन किया गया। उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे ने मिलकर कुल 179 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया। इसके अलावा रूटीन ट्रेनों की संख्या मौनी अमावस्या से भी ज्यादा थी। इस तरह से मेला स्पेशल और रूटीन ट्रेनों को मिलाकर कुल 388 ट्रेनों का संचालन किया गया। साढ़े अठारह लाख श्रद्धालुओं को ट्रेनों से भेजा गया।
नानी को कंधे पर लादकर पहुंचे स्नान कराने
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में स्नान की लालसा हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले मधुसूदन तिवारी अपनी 93 साल की नानी मुन्नी देवी को कंधे पर लादकर संगम स्नान कराने पहुंचे। सोमवार सुबह 11:15 बजे संगम स्नान कर लौट रहे मधुसूदन ने बताया कि उनकी नानी सरकारी शिक्षिका थीं। उनकी बहुत इच्छा थी कि संगम में स्नान करें इसलिए परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनको भी लेकर चले आए। चलने-फिरने में असमर्थ नानी को जहां तक बन पड़ा गाड़ी से लेकर आए और फिर कंधे पर बैठाकर संगम आए हैं।
माघी पूर्णिमा से अब तक हुए स्नान
12 फरवरी माघी पूर्णिमा 2.04 करोड़
13 फरवरी 85.46 लाख
14 फरवरी 96.98 लाख
15 फरवरी 1.36 करोड़
16 फरवरी 1.49 करोड़
17 फरवरी 1.35 करोड़