महाकुंभ में छुट्टी के दिन स्नान पर्व जैसा उत्साह, 1.49 करोड़ ने लगाई डुबकी, घंटों झूंसी स्टेशन पर रोके गए श्रद्धालु
महाकुंभ में माघ खत्म होने के बाद भी स्नान पर्व जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। रविवार को स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ी। इसके कारण झूंसी स्टेशन पर ही श्रद्धालुओं को रोके रखा गया।
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महाकुंभ में माघी पूर्णिमा के चार दिन बाद भी संगम स्नान का उत्साह बना हुआ है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण स्नान पर्व जैसा उत्साह देखने को मिला। पूरे दिन संगम की ओर जाने वाले सभी मार्ग भरे हुए थे। भीड़ के कारण अब तक जो लोग घरों में इंतजार कर रहे थे, वे भी हिम्मत जुटाकर निकलने लगे हैं ताकि अमृत स्नान का मौका निकल न जाए। इसका नतीजा हुआ कि रविवार को संगम से लेकर शहर तक ही नहीं आसपास के इलाके भी भीड़ से चोक हो गए। सरकारी आंकड़ों की मानें तो रविवार रात आठ बजे तक 1.49 करोड़ लोग स्नान कर चुके थे, जबकि प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर कुल 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी।
प्रशासन का दावा है कि शनिवार तक 51.47 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। इसमें रविवार की संख्या जोड़ दी जाए तो अब तक 52.96 करोड़ आस्थावान स्नान कर चुके हैं। रविवार सुबह से ही आस्था का सैलाब हिलोरे मारने लगा। सुबह आठ बजे तक ही 37.59 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। दस बजे तक यह संख्या बढ़कर 59.55 लाख और 12 बजे तक 82.52 लाख हो गई। मतलब अगले चार घंटों में लगभग 45 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया। दो बजे तक 1.02 करोड़, चार बजे तक 1.18 करोड़ और छह बजे तक 1.36 करोड़ आस्थावानों ने स्नान किया। यह स्थिति तब है जबकि मेले में कल्पवासी नहीं बचे हैं।
107 साल की मां को व्हीलचेयर पर ले आए
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में स्नान को लेकर बुजुर्गों में भी जबर्दस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। कानपुर में जुगराजपुर सचेंडी निवासी 80 साल के रामप्रकाश मिश्र अपनी 107 साल की मां रामश्री को व्हीलचेयर पर स्नान कराने पहुंच गए। लाल सड़क से आगे बढ़ रहे राम प्रकाश ने बताया कि मां की संगम स्नान की बहुत इच्छा थी। चलने-फिरने में असमर्थ मां के साथ गांव के 50 से अधिक बुजुर्गों को एक बस में लेकर आए हैं।
झूंसी स्टेशन पर घंटों आश्रय स्थलों में रोके गए यात्री
झूंसी रेलवे स्टेशन पर रविवार को भयंकर भीड़ रही। रेलवे ने परिसर में बने छह आश्रय स्थलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी कि आश्रय स्थलों में यात्रियों को तीन-चार घंटे तक रोका गया। इसके बाद प्लेटफॉर्म पर जाने दिया गया। झूंसी कॉलोनी से होकर स्टेशन जाने वाले रास्ते पर ही भीड़ को घंटों रोका गया। भीड़ के दबाव में फंसे कई लोगों की गर्मी से तबीयत बिगड़ गई। बेहोश होने पर छपरा की दो महिला और बलिया के एक व्यक्ति को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
सांस फूलने लगी तो चिल्लाने लगे बच्चे
रेलवे स्टेशन से पहले भीड़ को नियंत्रित कर रहे सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने श्रद्धालुओं की मदद भी की। वे उनके खाली बोतलों में पानी भर भर कर देने में जुटे रहे। जिनकी तबीयत बिगड़ रही थी उन्हें धूप से हटा कर छाया में बैठाते रहे। बिहार गोपालगंज से पत्नी अनीता देवी व तीन मासूम बच्चों के साथ आए नंदजी शाह भीड़ में फंस गए थे। बच्चों के चिल्लाने पर जवानों ने उन्हें एक किनारे जगह दी।