वक्फ बोर्ड की जमीन पर लग रहा महाकुंभ का मेला, बरेलवी मौलाना बोले-मुसलमानों ने दिखाया बड़ा दिल
महाकुंभ की तैयारियों के बीच रविवार को आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि महाकुंभ के मेले वाली जगह को वक्फ बोर्ड की जमीन बताया। साथ ही प्रयागराज के मुसलमानों का तारीफ करते हुए कहा कि वह बहुत ही बड़े दिलवाले हैं।
पिछले कुछ दिनों से महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री को लेकर लेकर विवाद छिड़ा है। साधु-संतों ने जहां एक ओर मुसलमानों की एंट्री पर बैन लगा रखा है तो वहीं मुस्लिम धर्मगुरु इस बात पर विरोध जता रहे हैं। महाकुंभ की तैयारियों के बीच रविवार को आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि महाकुंभ के मेले वाली जगह को वक्फ बोर्ड की जमीन बताया। साथ ही प्रयागराज के मुसलमानों का तारीफ करते हुए कहा कि वह बहुत ही बड़े दिलवाले हैं। लेकिन अखाड़ा परिषद उनके प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं।
मौलाना शहाबुददीन ने कहा कि प्रयागराज के निवासी सरताज ने दावा किया है कि कुंभ के मेले की जहां तैयारियां की जा रही है वो जमीन वक्फ की संपत्ति है। ये जमीन लगभग 54 बीघा बताई जा रही है। मुसलमानों ने बडा दिल दिखाते हुए कोई आपत्ति नहीं की है। कुंभ मेले के सारे इंतेजाम इसी वक्फ की जमीन पर हो रहे हैं। मगर दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे है। उन्हें इस तरह की सोच को छोड़ना होगा, मुसलमानों की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा।
मुस्लिमों के धर्मपरिवर्तन का चिंता पर जता चुके हैं मौलाना
महाकुंभ की तैयारियों के बीच मौलाना शहाबुद्दीन आए दिन नए-नए बयान दे रहे हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने महाकुंभ में सैकड़ों मुस्लिमों के धर्म परिवर्तन किए जाने की चिंता भी जताई थी। इस संबंध में मौलाना ने सीएम योगी को एक चिट्ठी भी भेजी है। चिट्ठी में मौलाना ने इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाने की भी मांग की है। पत्र में मौलाना ने लिखा था कि मुझे कही से जानकारी हुई है कि प्रयागराज में महाकुंभ मेला में कई सौ मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जायेगा। आपके नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून पास किया है, अब ऐसी सूरत-ए-हाल मे कुंभ मेले में मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जाता है तो वो धर्मांतरण कानून के दायरे में आयेगा। इससे देश व प्रदेश भर में तनाव फैलने की संभावना है। इसलिए धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए।