महाकुंभ में अनोखा कपल: भारत का दूल्हा, जर्मनी की दुल्हन, इंग्लैंड में प्यार और अमेरिका में बसाई गृहस्थी
- Maha Kumbh 2025: महाकुंभ देखने पहुंचा हुआ है खास कपल। इसमें पुरुष भारत का है और महिला जर्मनी की रहने वाली है। दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हुई इंग्लैंड की धरती पर और उन्होंने अपनी गृहस्थी अमेरिका में जाकर बसाई।
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में धर्म और आस्था की ढेरों कहानियां हैं। वहीं, लोक और संस्कृति के रंग भी देखने को मिल रहे हैं। इन सबके बीच देश और दुनिया से आए हुए असंख्य लोग हैं, जिनमें से कई तो खुद ही एक कहानी हैं। एक ऐसा ही कपल महाकुंभ देखने पहुंचा हुआ है। इसमें पुरुष भारत का है और महिला जर्मनी की रहने वाली है। दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हुई इंग्लैंड की धरती पर और उन्होंने अपनी गृहस्थी अमेरिका में जाकर बसाई। यह दोनों लगातार भारत आते रहते हैं।
हरियाणा के रहने वाले रिटायर्ड फौजी अपनी जर्मन पत्नी के साथ महाकुंभ में पहुंचे हुए हैं। दोनों अमेरिका के रहने वाले हैं। लाइव हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में उन्होंने अपनी कहानी तो बताई, लेकिन नाम नहीं शेयर किया। उन्होंने बताया कि मैं फौज की नौकरी के बाद इंग्लैंड चला गया था। वहां मेडिकल सेक्टर में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान जर्मनी से यह (अपनी पत्नी की तरफ इशारा करते हुए) भी आई थीं। इन्हें इंग्लिश बोलने नहीं आती थी और मैं जर्मन बोल पाने में असमर्थ था। उन्होंने आगे बताया कि यह मेरे अंडर में काम करती थीं और कुछ गड़बड़ी होने पर जब मैं डांट देता था तो रोने लगती थीं। तभी मैंने सोच लिया कि इस लड़की से शादी कर लो, जीवन आराम से गुजर जाएगा।
इसलिए लिया अमेरिका में बसने का फैसला
शादी के बाद अमेरिका में बसने का फैसला क्यों लिया? इसके जवाब में हरियाणा के मूल निवासी शख्स ने बताया कि भारतीय होने के नाते मुझे इंग्लैंड में मुश्किल हो रही थी। जर्मनी मैं जा नहीं सकता था। भारत आने में मेरी वाइफ को परेशानी थी कि पता नहीं यहां के माहौल में ढल पाएंगी या नहीं। ऐसे में हमने अपनी पढ़ाई को थोड़ा और अपग्रेड किया और अमेरिका में नौकरी के लिए अप्लाई किया। अब हम दोनों वहीं पर सेटल्ड हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रोफेसर हैं और उनकी पत्नी बुजुर्गों की डॉक्टर हैं।
किचन में भारतीय खाना
भारत में अपनी जड़ों और फौज से जुड़ाव के चलते मेरी रग-रग में तिरंगा बसा हुआ है। किचन में जर्मन खाना पकता है या अमेरिकन? इस सवाल के जवाब में उनकी जर्मन पत्नी ने बताया कि इंडियन। तब उनके पति ने पीछे की कहानी सुनाई। उन्होंने कहाकि जब पहली बार इन्होंने जर्मन खाना परोसा तो मैं खा नहीं पाया। वजह, इसमें नमक के अलावा मसाले वगैरह होते नहीं। इसके बाद इन्होंने भारतीय खाना बनाना सीखा। आज आलम यह है कि इनके हाथ का खाना खाकर उंगलियां चाटते रह जाएंगे।