शिक्षकों का धरना, पुरानी पेंशन और कैशलेश इलाज की मांग
लखनऊ में शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की बहाली, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण और कैशलेस इलाज की मांग को लेकर धरना दिया। उन्होंने 2000 से पहले नियुक्त शिक्षकों की जांच आदेश वापस लेने, बकाया भत्तों के...
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले गुरुवार को शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की बहाली, तदर्थ शिक्षकों व प्रधानाचार्यों का विनियमितीकरण व कैशलेस इलाज की सुविधा समेत दूसरी मांगों को लेकर धरना दिया। शिक्षाभवन में धरने के दौरान शिक्षकों ने मांग रखी कि 2000 से पहले नियुक्ति पाए शिक्षकों की सतर्कता विभाग से जारी जांच सम्बंधी आदेश वापस लिया जाए, बकाया भत्तों का भुगतान और वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को समुचित मानदेय दिया जाए। मण्डलीय अध्यक्ष विधान चन्द्र द्विवेदी ने संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं उपशिक्षा निदेशक को लंबित मांगों ज्ञापन दिया।
प्रचार मंत्री जेके यत्रव ने कहा कि तबादले में शिक्षकों के वेतन भुगतान में अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं। प्रान्तीय संयुक्त मंत्री मिथलेश पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों के लम्बित बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। प्रान्तीय संरक्षण मंत्री संजय बाजपेई व प्रान्तीय कोषाध्यक्ष नन्द कुमार मिश्र ने कहा की संगठन तदर्थ शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए संर्घषरत है। प्रादेशिक महामंत्री आशीष कुमार सिंह ने कहा कि संगठन एकीकृत पेंशन योजना से सहमत नहीं है। सभी शिक्षकों कों जीपीएफ आधारित पुरानी पेंशन दी जाए। शिक्षकों की संम्पत्ति मानव संम्पदा पोर्टल पर अंकित किये जाने का भी विरोध किया गया। धरने में वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान शंकर द्विवेदी, राम इकबाल बहादुर सिह, अवनीन्द्र पाण्डेय, आलोक सिंह आदि मौजूद रहे।
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