Fraudulent Job Offer Brothers Duped of 28 Lakhs by Fake Income Tax Officer आरपीएफ में नौकरी लगवाने का झांसा दे 28 लाख हड़पे, Lucknow Hindi News - Hindustan
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आरपीएफ में नौकरी लगवाने का झांसा दे 28 लाख हड़पे

Lucknow News - - अरोपित ने खुद को बताया इनकम टैक्स अधिकारी ठग ने अपने पिता को एसडीएम

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 16 May 2025 07:20 PM
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आरपीएफ में नौकरी लगवाने का झांसा दे 28 लाख हड़पे

आरपीएफ में दरोगा के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर सगे भाइयों से 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। आरोपित ने इनकम टैक्स अधिकारी होने का दावा कर पीड़ितों से सम्पर्क किया था। विश्वास जीतने के लिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और मेडिकल सर्टिफिकेट भी तैयार कराए थे। धोखाधड़ी में कथित इनकम टैक्स अधिकारी के साथ उसका पिता भी शामिल है। यह आरोप लगाते हुए बंथरा कोतवाली में पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया। जौनपुर शाहगंज निवासी संदीप कुमार यादव के मुताबिक वर्ष 2023 में वह प्रयागराज में रह कर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। इस दौरान बंथरा नई कॉलोनी निवासी शुभम सिंह से प्रयागराज विवि के पास मुलाकात हुई।

आरोपित ने खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताया। विश्वास जीतने के लिए आईडी कार्ड दिखाया। जिसमें शुभम की फोटो लगी थी। इसके बाद अक्सर दोनों की फोन पर बात होने लगी। आरोपित ने बताया कि उसके पिता दलबहादुर एसडीएम लखनऊ के दफ्तर में तैनात है। उनकी रेलवे में गहरी पैठ है। किसी को नौकरी चाहिए तो बता देना। काम हो जाएगा। कथित इनमक टैक्स अधिकारी की बात पर भरोसा कर संदीप ने अपनी और भाई राहुल की नौकरी लगवाने के लिए कहा था। रुपये का इंतजाम करो, दरोगा बन जाओगे फोन पर बातचीत के दौरान शुभम ने बताया कि रांची में आरपीएफ सब इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति होनी है। चाहो तो बात करें। दरोगा की नौकरी मिलने के लालच में संदीप ने हामी भर दी। पीड़ित के मुताबिक अक्टूबर 2023 में वह बंथरा स्थित शुभम के घर गया था। जहां आरोपित के पिता दलबहादुर के सामने ही दो लाख रुपए दिए। इसके बाद संदीप और राहुल का ज्वाइनिंग लेटर दिया गया। साथ ही राहुल को मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए रांची भेजा गया था। डीआरएम कर्मियों की मिलीभगत का आरोप संदीप ने पुलिस को बताया कि रांची डीआरएम ऑफिस पहुंचने पर कुछ लोग मिले। जिन्होंने राहुल को मेडिकल सर्टिफिकेट की कॉपी दी। बिना जांच के सर्टिफिकेट मिलने पर राहुल को संदेह हुआ। पूछताछ करने पर कहा गया कि रुपये खर्च कर रहे हो। तो फिर सब काम हाथों हाथ हो जाएगा। चिंता मत करो। वहीं, मेडिकल सर्टिफिकेट देने के बाद 26 लाख रुपये और मांगे गए। पीड़ित संदीप और राहुल ने बताए गए खातों में रुपये भेजे थे। नौकरी मिली नहीं, उधार लेकर दिए रुपये भी गंवाए लाखों रुपये देने के बाद भी संदीप और राहुल की नियुक्ति नहीं हुई। संदेह होने पर ज्वाइनिंग लेटर की जांच कराने पर फर्जीवाड़े का पता चला। पीड़ित भाइयों ने बंथरा स्थित शुभम सिंह के घर पहुंच कर रुपये लौटाने के लिए कहा। जिस पर आरोपित शुभम और उसके पिता दल बहादुर ने असलहा दिखाते हुए धमकाया। काफी प्रयास के बाद भी रुपये वापस नहीं मिलने पर पीड़ितों ने एडीसीपी पूर्वी अमित कुमावत से शिकायत की थी। जिनके निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया।

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