कानपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
Lucknow News - कानपुर के नौबस्ता थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह उर्फ विजय भदौरिया को सिपाही की नौकरी दिलाने के लिए तीन लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। रिपोर्ट के...

सिपाही की नौकरी दिलाने के लिए तीन लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोपित कानपुर के नौबस्ता थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह उर्फ विजय भदौरिया की अग्रिम जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। कोर्ट में सरकारी वकील ने बताया कि शशि कुमार तिवारी ने कानपुर के नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वर्ष 2005 में उसके बेटे ने सिपाही के लिए पुलिस भर्ती का फॉर्म कानपुर देहात से भरा था। नौबस्ता थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष विजय भदौरिया उसके पहले से परचित थे। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात के एसपी एसके माथुर उसके परिचित हैं।
अगर वादी तीन लाख रुपये दे दे तो वह पुलिस में भर्ती करवा देगा। शशि कुमार तिवारी का आरोप है कि 18 मई 2005 को आरोपित को तीन लाख रुपये दे दिए। इसके कुछ दिन बाद भर्ती पर रोक लग गई और एसके माथुर प्रोन्नत होकर डीआईजी मिर्जापुर हो गए। वहीं आरोपित विजय भदौरिया का भी स्थानांतरण एटा हो गया। आगे बताया गया है कि 26 मई 2006 को पुलिस भर्ती की परीक्षा में शशि कुमार का बेटा फिजिकल में फेल हो गया। इसके बाद शशि कुमार तिवारी ने विजय कुमार भदौरिया से पैसे वापस मांगे तो उन्होंने मना कर दिया।
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