Mahakumbh: कांटे, कबूतर, अनाज के बाद महाकुंभ में दिखे बोनट वाले बाबा, कार पर बैठकर देते हैं आशीर्वाद
- महाकुंभ में बोनट पर बैठे बाबा अपने भक्तों के साथ बहुत ही आत्मीयता के साथ मिलते हैं और उनसे बातचीत करते हुए उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत करते हैं। नागा संन्यासी बोनट बाबा भक्तों के सिर पर मोरपंख रखकर भी आशीर्वाद देते हैं।
रेती पर पहुंचे बाबाओं के अंदाज भी निराले हैं। महाकुंभ में कबूतर, स्कॉर्पियो, लिलिपुट, अनाज और रुद्राक्ष वाले बाबा के अब बोनट वाले बाबा भी पहुंचे हैं। त्रिवेणी रोड पर महानिर्वाणी अखाड़े के बाहर सड़क किनारे कार के बोनट पर बैठकर माथे पर भस्म लगाने वाले नागा को श्रद्धालु बोनट बाबा, गड्डी वाले बाबा, कार वाले बाबा या फिर वायरल बाबा के नाम से पुकारते हैं। कार वाले बाबा गाड़ी की बोनट पर बैठकर उनके पास आने वाले भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इनके पास आशीर्वाद लेने आने वाले भक्तों की भीड़ भी जुटी रहती है।
बोनट पर बैठे बाबा अपने भक्तों के साथ बहुत ही आत्मीयता के साथ मिलते हैं और उनसे बातचीत करते हुए उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत करते हैं। नागा संन्यासी बोनट बाबा भक्तों के सिर पर मोरपंख रखकर भी आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने बताया कि अब उनके भक्तों द्वारा दिया गया नाम ही उनकी पहचान बन गई है। उनका कहना है कि हमारे पूर्वज घोड़ों और रथों से चलते थे, लेकिन अब गाड़ी, मोटर, ट्रेन, प्लेन से आवागमन होता है। इसी प्रकार यह गाड़ी ही उनका विमान है जिससे वो पूरे देश में भ्रमणशील रहते हैं। इसी कार से हर जगह आना जाना करने के साथ ही इसी कार में आराम भी कर लेते हैं। इसी कार में उनका सारा सामान रहता है और ये कार ही उनका ठिकाना है।
उल्टेश्वर बाबा शीर्षासन लगा दे रहे आशीष
महाकुम्भ में आए अजब-गजब बाबा में से एक उल्टेश्वर बाबा भी हैं। गाजीपुर से आए यह बाबा महाकुम्भ के संगम लोअर मार्ग के सेक्टर 16 में हठ करके बैठे हैं। सुबह से शाम तक बाबा शीर्षासन की मुद्रा में ही रहते हैं। आसपास देखने वालों की भीड़ लगी रहती है। कहते हैं कि बाबा ने जगत कल्याण की कामना लेकर शीर्षासन मुद्रा लगाई है और वसंत पंचमी तक इसी मुद्रा में रहेंगे। उल्टेश्वर बाबा ने यह तप 2007 के कुम्भ (उस वक्त अर्धकुम्भ) से प्रारंभ किया था। उनका कहना है कि हर कुम्भ और महाकुम्भ में वो इसी मुद्रा में रहेंगे।