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चीनी हैकरों की करतूत, हर चार मिनट में एक साइबर अटैक

भारत में हर चार मिनट में एक चीनी हैकर का हमला हो रहा है। आईआईटी कानपुर के हनीपॉट डेटा के अनुसार, चीन से 40% साइबर हमले हो रहे हैं, जबकि अमेरिका और रूस से क्रमशः 20% और 10% हमले होते हैं। साइबर सुरक्षा...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 7 Sep 2024 07:45 AM
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अभिषेक सिंह कानपुर। भारत में हर चार मिनट में एक चीनी हैकर का हमला हो रहा है। वे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय व्यवस्था, तकनीकी उपकरण समेत अन्य जरूरी जानकारी में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका, वियतनाम और रूस से भी साइबर हमले हो रहे हैं पर उनकी संख्या चीन की तुलना में काफी कम है। इसका खुलासा आईआईटी में लगे हनीपॉट के दो महीने के आंकड़ों के विश्लेषण से हुआ है।

आईआईटी में स्थापित सी-3 आई हब में तैयार हनीपॉट पर पिछले दो माह के दौरान रोजाना लगभग 900 साइबर हमले हुए हैं। इसमें 40 फीसदी चीन से हो रहे हैं। यूएसए से 20 फीसदी और रूस से 10 फीसदी साइबर अटैक हो रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि हनीपॉट की शुरुआत से ही सबसे अधिक साइबर अटैक चीन के हैकर कर रहे हैं। रोजाना चीन से लगभग 360 साइबर अटैक अर्थात हर घंटे औसतन 15 हैकर हमला कर रहे हैं।

हमले आकर्षित करता है हनीपॉट

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक और स्टार्टअप टीम साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रिसर्च कर रही है। सुरक्षा को खतरे भांपने के लिए टीम ने एक हनीपॉट विकसित किया है, जो दुनिया भर के हैकरों को हमले के लिए आकर्षित करता है। इस पर हमलों की कोशिश का डेटा विश्लेषण करके वैज्ञानिकों को हैकरों की करतूतें पता चलती हैं। मसलन किस देश के हैकर्स अधिक हमला कर रहे हैं, वे किस तरह की जानकारी चुराना चाहते हैं, किन खामियों पर अटैक करते हैं आदि। इस विश्लेषण की मदद से वैज्ञानिकों की टीम खामियां समझ कर सुरक्षा के उपाय सुझाती है। संबंधित सेक्टर के लोगों को अलर्ट जारी किए जाते हैं।

क्या है हनीपॉट

हनीपॉट नेटवर्क सिस्टम है, जो यूनिवर्सल डोमेन वेबसाइट क्लाउड पर तैयार किया जाता है। कंप्यूटर साइंस के वैज्ञानिक और एथिकल हैकर इसे इतना आकर्षक बनाते हैं कि हैकर उसमें घुसने को आतुर हो जाते हैं। हैकर के इस पर क्लिक करते ही सिग्नल इसे ट्रैप कर लेता है। इससे हैकर से जुड़ी काफी जानकारी पता चल जाती है। पांच साल पहले प्रो. संदीप शुक्ला की अगुवाई में विशेषज्ञों ने इसे तैयार किया था। हनीपॉट के शुरुआती एक माह में 27 हजार से अधिक साइबर हमले हुए थे।

अटैक से मिलती हैं कई जानकारियां

हनीपॉट का डेटा विश्लेषण कर रहे स्टार्टअप ट्रैकल के फाउंडर शुभाशीष ने बताया- रोज 900 से ज्यादा साइबर हमले हो रहे हैं। इनमें से औसतन 360 चीनी आईपी एड्रेस से पाए गए हैं। ऐसे हैकर्स की निगरानी की जा रही है।

अटैक नहीं साइबर गुलाम भी बना रहे चीन समेत कई देश

एलेनहाउस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के डीन रिसर्च और साइबर विशेषज्ञ प्रो. वरुण शुक्ला ने बताया कि विदेशों से सिर्फ साइबर अटैक ही नहीं हो रहे, भारतीयों को साइबर गुलाम भी बनाया जा रहा है। लेनदेन को लेकर देश में ऑनलाइन ठगी करने वाले विदेशी नहीं बल्कि भारत के ही वे लोग हैं, जिन्हें साइबर गुलाम बना लिया गया है। कंबोडिया जैसे मुल्कों में हैकर्स ने उन्हें बंधक बना रखा है। कुछ दिन पहले लाओस में 47 भारतीयों को साइबर गुलामी से मुक्ति दिलाई गई है। ये सभी साइबर गुलाम के रूप में ठगी कर रहे थे।

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सी3आई हब में साइबर सुरक्षा को लेकर वैज्ञानिक-स्टार्टअप्स रिसर्च कर रहे हैं। हनीपॉट से हैकर्स की ट्रैपिंग की जाती है। लगातार अलग-अलग आईपी से हमले देखे जा रहे हैं। चीन के हैकरों के हमले दो प्रतिशत बढ़ गए हैं।

प्रो. मणींद्र अग्रवाल, निदेशक-आईआईटी कानपुर

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चीन से लगातार हो रहे अटैक

देश 2023 2024

चीन 38 फीसदी 40 फीसदी

यूएसए 09 फीसदी 20 फीसदी

रूस 12 फीसदी 10 फीसदी

नीदरलैंड 02 फीसदी 05 फीसदी

वियतनाम 12 फीसदी 9 फीसदी

अन्य देश 27 फीसदी 16 फीसदी

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