धान के खेत की पहले मेंड़बंदी, फिर करें जुताई
Jaunpur News - जौनपुर, संवाददाता। किसान तत्काल धान रोपने वाले खेत की मेड़बंदी कर दें। इसके बाद

जौनपुर, संवाददाता। किसान तत्काल धान रोपने वाले खेत की मेड़बंदी कर दें। इसके बाद खेत की गहरी जुताई करके छोड़ दें। जुताई के बाद पाटा न लगाएं। इससे मिट्टी के अंदर पड़े खरपतवारों के बीज कड़ी धूप से नष्ट हो जाएंगे। अगली फसल में खरपतवार नहीं उगेंगे। मिट्टी में छिपे हानिकारक जीवाणु व विषाणु मर जाएंगे। फसल रोग व्याधि से मुक्त रहेगी। साथ ही मिट्टी में जलधारण क्षमता बढ़ेगी। खेत की मेड़बंदी करने से बारिश होने पर एक खेत का पानी दूसरे खेत में बहकर नहीं जा सकेगा। बारिश के पानी के साथ आने वाली नाइट्रोजन खेत में संचित रहेगी। इससे खेत की मिट्टी उर्वर होगी और अगली फसल की उपज में वृद्धि होगी।
क्यों करें मेंड़बंदी केवीके बक्शा के समन्वयक व फसल वैज्ञानिक डा.सुरेश कुमार कन्नौजिया का कहना है कि मिट्टी को प्राकृतिक रूप से दो प्रकार से नाइट्रोजन प्राप्त होती है। पहला बारिश के पानी के साथ वायुमंडल में संचित नाइट्रोजन जमीन पर पहुंचती है। दूसरा दलहनी फसलें बोने से उसकी जड़ों में संचित वायुमंडल की नाइट्रोजन जमीन को मिलती है। इसलिए किसान खेत की मेड़बंदी अवश्य कर लें। जिससे पानी बहकर दूसरे खेत में न जा सके। खेत के चारों ओर एक से डेढ़ फिट चौड़ी और आधा फिट ऊंची मेंड़ बनानी चाहिए।
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