मंदिर सूचना प्रणाली पोर्टल होगा तैयार, बांके बिहारी से लेकर काशी विश्वनाथ तक सभी की मिलेगी डिटेल
बांके बिहारी मंदिर हो या काशी विश्वनाथ अब पोर्टल पर सभी मंदिर दिखेंगे। पहली बार प्रदेश के सभी मंदिरों व तीर्थ स्थलों का ब्यौरा अपलोड होगा। एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मंदिरों के फोटो-वीडियो, रुटमैप, जियो कोर्डिनेट्स अपलोड किए जाएंगे।
मथुरा द्वारिकाधीश मंदिर, वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर या फिर वाराणसी का काशी विश्वनाथ धाम। इस तरह के प्रदेश के सभी मंदिर व तीर्थ स्थल आईटीआईएस (एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली) पोर्टल पर दिखेंगे। पहली बार प्रदेश के सभी मंदिरों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इस संबंध में विशेष सचिव की ओर से सभी डीएम को पत्र जारी किया गया है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नई योजना शुरू की गई है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इंटीग्रेटेड टेम्पल इनफार्मेशन सिस्टम यानी समन्वित मंदिर सूचना तंत्र विकसित किया गया है। जिस पर मंदिर से जुड़ी सभी जानकारियां आनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जो लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, उसमें मंदिरों से संबंधित यह घोषणा भी की गई थी। इसके तहत अब धर्मार्थ कार्य निदेशालय द्वारा आईटीआईएस पोर्टल विकसित किया गया है।
जिसके द्वारा जनपदों में स्थित मंदिरों से सम्बन्धित सूचनाएं जैसे रूट मैप, जियो को-ऑर्डिनेट्स, मंदिर में स्थापित देवी-देवता, फोटो एवं वीडियो, मंदिर में दर्शन के लिए दिन,माह,समय एवं मंदिर से संबंधित मेलों, त्योहारों आदि की सूचना पोर्टल पर फीड किए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पोर्टल पर प्रदेश के सभी मंदिरों का डाटा फीड होने के बाद दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को भी दर्शन करने जाने के लिए आसानी हो सकेगी।
जिला स्तर पर अब डाटा होगा एकत्रित
अब तक जिला स्तर पर मंदिरों से संबंधित संकलित डाटा नहीं था। अब आईटीआईएस पोर्टल पर डाटा अपलोड हो जाने से प्रशासन को भी मंदिरों से संबंधित रिकार्ड लेने में सुगमता होगी।
पांचों तहसीलों पर जुटाया जा रहा डाटा
डीएम विशाख जी. द्वारा जिले की पांचों तहसील कोल, अतरौली, खैर, गभाना, इगलास के एसडीएम को इस संबंध में निर्देश देते हुए अपने-अपने क्षेत्र के मंदिर व तीर्थ स्थलों का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।