जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों ओर विकसित होगा औद्योगिक गलियारा, योगी सरकार ने दी मंजूरी
जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले नए लिंक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा भी विकसित होगा। इससे नई औद्योगिक इकाइयों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले नए लिंक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा भी विकसित होगा। इससे नई औद्योगिक इकाइयों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। जेवर एयरपोर्ट, चोला रेलवे स्टेशन व गंगा व यमुना एक्सप्रेसवे से नजदीकी के कारण यहां निवेशकों व निर्यातकों को काफी सहूलियत होगी और यहां औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियां भी तेज होगी।
यूपीडा ने अपने पूर्व के प्रस्ताव में संशोधन किया है और इसे यूपीडा बोर्ड ने मंजूरी दी है। पहले इसे यमुना एक्सप्रेसवे से 48 किमी आगे से शुरू होना था। यह नया एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किमी से शुरू होगा। इस तरह अब केवल 76 किमी एक्सप्रेसवे बनाने की जरूरत होगी। पहले इसे 86 किमी तक बनाया जाना था। बुलंदशहर होते हुए जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे की विकास योजना पर क्रियान्वयन शुरू हो गया है। इस तरह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आगरा से सीधे कनेक्ट हो जाएगा और प्रयागराज से भी गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए जुड़ जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 76 किमी का होगा और इसे दो साल में बनाने की तैयारी है। इस परियोजना के सलाहकार एडिकान लिमिटेड की डीपीआर अगले महीने मंजूर की जाएगी।
यूपीडा की योजना है कि एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम तीन महीने में जुलाई तक कर लिए जाएं। इसके बाद यह तय होगा कि कौन सी कंपनी इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल जुलाई में इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का ऐलान किया था। औद्योगिक गलियारे में लाजिस्टिक व वेयरहाउस सुविधाएं होंगी। उद्यमी तेजी से अपना उद्योग लगा सकेंगे। एयरपोर्ट तक माल तेजी से पहुंचाया जा सकेगा।
अगले महीने आ रहे बजट में 4415 करोड़ रुपये की होगी व्यवस्था
यूपी सरकार अगले महीने विधानसभा सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट ला रही है। इसमें इस एक्सप्रेस वे के लिए 4415 करोड़ रुपये की मांग होगी। इसके तहत परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में 4000 करोड़ रुपये, यूटिलिटी शिफ्टिंग के काम में 150 करोड़, मार्ग निर्माण के लिए 250 करोड़ व अन्य खर्चों के लिए 150 करोड़ रुपये रखे जाएंगे। 1000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी।