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'राजनेता मुसलमानों को भड़का रहे हैं', वक्‍फ बिल को लेकर इंद्रेश कुमार ने किया समर्थन का दावा

  • आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा-'राजनेता संशोधन के मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं और भड़का रहे हैं।' उन्होंने दावा किया, 'हमें वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने वाले मुसलमानों से बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं।' आरएसएस नेता ने पूछा- 'क्या किसी अन्य धर्म में ऐसा कोई बोर्ड है?'

Ajay Singh हिन्दुस्तान, पवन दीक्षित, लखनऊ (हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स)Sun, 5 Jan 2025 08:41 AM
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RSS leader Indresh Kumar: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केंद्रीय पदाधिकारी डॉ. इंद्रेश कुमार ने शनिवार को कहा कि राजनेता वक्फ संशोधन विधेयक के मुद्दे पर मुसलमानों को भड़का रहे थे। उन्‍होंने दावा किया कि इसके बावजूद बड़ी संख्या में समुदाय के सदस्यों ने प्रस्‍तावित संशोधनों को समर्थन दिया है। कुमार आरएसएस समर्थित संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक बैठक की अध्यक्षता करने के लिए राजधानी लखनऊ में थे।

एमएसएम के मार्गदर्शक (संरक्षक) कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘विशाल भूमि और वित्तीय संसाधनों को नियंत्रित करने के बावजूद, वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय के लिए कोई भी सामाजिक कार्य करने में विफल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'राजनेता संशोधन के मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं और भड़का रहे हैं।' इसके साथ ही उन्होंने दावा किया, ‘हमें वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने वाले मुसलमानों से बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं।’ आरएसएस नेता ने पूछा- 'क्या किसी अन्य धर्म में ऐसा कोई बोर्ड है?' उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति से होने वाली आय पारदर्शी होनी चाहिए।

संभल पर बोले-हिंसा नहीं, आपसी समझ से हल हों मुद्दे

संभल में चल रही खुदाई और मंदिर-मस्जिद विवाद के मुद्दे पर इंद्रेश कुमार ने कहा, "सभी विवादों को आपसी समझ या अदालत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए।" मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों की सराहना की है और वक्फ परिषद और बोर्डों में पिछड़ी मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने का सुझाव दिया है। इसने यह भी सुझाव दिया है कि राज्य वक्फ बोर्डों और उनकी समितियों में गैर-मुसलमानों को शामिल करने की अनुमति देने के लिए वर्तमान अधिनियम की धारा 9 और 14 में संशोधन किया जाना चाहिए।

पसमांदा (पिछड़ा वर्ग) मुसलमानों के एक संगठन द्वारा विधेयक को व्यापक समर्थन देने की पेशकश के एक दिन बाद अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीं परिषद, आरएसएस से संबद्ध राष्ट्रीय मुस्लिम मंच और एनजीओ भारत फर्स्ट ने भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष गवाही दी। इससे पहले, मुसलमानों की एक सभा को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के मुद्दे पर राजनेता आपको गुमराह कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि राजनेताओं ने आपको गुमराह किया है कि यदि आप कागजात दिखाने में असफल रहे तो आपकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। इंद्रेश कुमार ने पूछा कि क्या आज तक किसी (मुस्लिम) के साथ ऐसी कोई घटना हुई है?

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