यूपी के इस जिले में कुर्क होगा जिला विद्यालय निरीक्षक का दफ्तर, शिक्षक का 14.38 लाख रुपए है बाकी
चंद्रशेखर ने सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में 1998 में मुकदमा दाखिल किया था। इसमें 24 जनवरी 2005 को उनके पक्ष में डिक्री हो गई। डिक्री के अनुपालन के लिए चन्द्रशेखर ने इजरा वाद 26 मई 2005 को दाखिल किया। डिक्री में वर्ष 2005 तक का बकाया वेतन और आगे का वेतन भी दिए जाने का आदेश दिया गया था।

न्यायालय के आदेश पर बस्ती के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। न्यायालय के अमीन की तरफ से चस्पा किए गए नोटिस में कहा गया है कि यदि 90 दिन में कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 14.38 लाख रुपये का भुगतान नहीं होता है तो कुर्क भवन की नीलामी कर प्राप्त धनराशि शिक्षक के पक्ष में भुगतान कर दी जाएगी।
अयोध्या जिले के सोहावल निवासी चंद्रशेखर सिंह की नेशनल इंटर कॉलेज हर्रैया में प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर 1991 में नियुक्ति हुई थी। इनके अलावा पांच अन्य अध्यापकों को भी नियुक्त किया गया था। पहले तो किसी का वेतन नहीं मिला। बाद में अन्य पांच अध्यापकों को वेतन दिया जाने लगा, लेकिन चंद्रशेखर सिंह को वेतन नहीं मिला।
चंद्रशेखर ने सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में 1998 में मुकदमा दाखिल किया था। इसमें 24 जनवरी 2005 को उनके पक्ष में डिक्री हो गई। डिक्री के अनुपालन के लिए चन्द्रशेखर ने इजरा वाद 26 मई 2005 को दाखिल किया। डिक्री में वर्ष 2005 तक का 14 लाख 38 हजार 104 रुपये बकाया वेतन व आगे का वेतन भी दिए जाने का आदेश दिया गया था। 27 साल पुराने इस मामले में अध्यापक का वेतन भुगतान न करने पर सिविल जज जूनियर डिवीजन सोनाली मिश्रा की अदालत ने जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय भवन की भूमि को कुर्क करने का आदेश दिया। कार्यालय पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है।
अदालत ने अमीन को कुर्की की रिपोर्ट 8 मई 2025 तक न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत अमीन ने शुक्रवार को डीआईओएस कार्यालय के भवन और उनके चैंबर के समक्ष कुर्की नोटिस चस्पा किया है। नोटिस चस्पा होने के बाद विभाग और शिक्षकों के बीच इस प्रकरण की खूब चर्चा हो रही है।