Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़If we are divided then monastery temple and sisters and daughters will have to bear brunt CM Yogi message from Ayodhya

हम बंटेंगे तो मठ, मंदिर और बहन-बेटियों को भुगतना होगा खामियाजा, अयोध्या से सीएम योगी का बड़ा संदेश

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम के दौरान देश्वासियों को बड़ा संदेश दिया।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, अयोध्या, वरिष्ठ संवाददाताSat, 11 Jan 2025 08:40 PM
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हम विभाजित होंगे तो खामियाजा धर्मस्थलों और देशवासियों को भुगतना होगा। एकता की कड़ी जितनी मजबूत होगी उतना देश मजबूत होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम के दौरान देश्वासियों को बड़ा संदेश दिया। इससे पहले सीएम योगी ने शनिवार को अंगद टीले में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पांजलि की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष रहे अशोक सिंहल को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रीय एकात्मता की कड़ी मजबूत होगी तो सनातन धर्म, देश और हम सब भी मजबूत होंगे

सीएम ने कहा कि समाज बंटा था तो देव स्थल अपमाानित हो रहे थे। जाति व अन्य वादों के आधार पर विभाजित रहेंगे तो अपमानजनक स्थितियों का निरंतर सामना करना पड़ सकता है। एकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय एकात्मकता के साथ कार्य करने के संकल्प के साथ हम जुड़ेंगे। राष्ट्रीय एकात्मता की कड़ी मजबूत होगी तो सनातन धर्म, देश और हम सब भी मजबूत होंगे, लेकिन देश विभाजित या कमजोर होगा और हम जातीयता, क्षेत्र-भाषाई आधार पर विभाजित होंगे तो इसका खामियाजा सबसे पहले धर्मस्थलों, बहन-बेटियों को भुगतना पड़ेगा। प्रतिष्ठा द्वादशी राष्ट्रीय एकात्मता को मजबूत करने का आह्वान कर रही है।

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राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन 22 जनवरी, 2024 को हुई थी। इस लिहाज से द्वादशी तिथि के हिसाब से शनिवार को प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। इस तिथि को प्रतिष्ठा द्वादशी का नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार श्रीरामजन्मभूमि पर प्रभु रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा प्रतिष्ठा-द्वादशी के रूप में त्रिदिवसीय आयोजन का शुभारंभ किया गया है।

22 दिसंबर 1949 को रामलला का अपनी जन्मभूमि में प्रकटीकरण होना, इस पूरी लड़ाई की पृष्ठभूमि को आगे बढ़ाता हुआ आज इन स्थितियों में पहुंचा कि प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष के उपरांत आज मंगलगान के साथ अभिभूत होकर हम सभी गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। इसके उपरांत भी अनेक तिथियां आईं, जिस पर न्यायसंगत तरीके से मर्यादा के अनुसार धैर्य की अग्निपरीक्षा देते हुए हर भारतवासी गुजरा, लेकिन ध्येय सबका रहा कि प्रभु श्रीरामलला विराजमान हों।

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संतों के सानिध्य में प्रधानमंत्री ने रामलला को कराया था प्रतिष्ठित

सीएम ने कहा कि इसका शुभारंभ 9 नवंबर 2019 को हुआ, जब न्यायपालिका ने सर्वसम्मत से निर्णय सुनाया कि अयोध्या में जहां विवादित ढांचा था, वह रामजन्मभूमि है। वहां ट्रस्ट गठित करते हुए प्रभु के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। 5 अगस्त 2020 को इसी अयोध्या धाम में आकर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभु रामलला के भव्य राममंदिर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 22 जनवरी 2024 (पौष शुक्ल द्वादशी) के दिन पीएम मोदी ने देश भर से आए हर तबके के नेतृत्ववर्ग की उपस्थिति व संतों के सानिध्य में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए रामलला को उनकी जन्मभूमि में प्रतिष्ठित कराने का कार्य किया था।

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अयोध्या में प्रतिदिन डेढ से दो लाख लोगों का हो रहा आगमन

दो घंटे देरी से लगभग एक बजे पहुंचे मुख्यमंत्री ने इससे पहले रामलला का पूजन-अर्चन किया। उन्होंने अंगद टीले पर मंच से कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं का आगमन अयोध्या धाम में हो रहा है। आज अयोध्या जिस रूप में है, वह किसी से छिपी नहीं है। दस वर्ष पहले किसी ने अयोध्या के बारे में नहीं सोचा था कि इसे इसका अधिकार प्राप्त होना चाहिए। वर्ष 2014-2017 के पहले अयोध्या को बमुश्किल तीन-चार घंटे बिजली मिलती थी। राम की पैड़ी में सरयू जी का जल सड़ता रहता था। हजारों वर्ष पहले लंका पर विजय प्राप्त करने के उपरांत भगवान पुष्पक विमान से अयोध्या पधारे थे। हजारों वर्ष बाद भी अयोध्या में एयरपोर्ट नहीं था, लेकिन आज अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है।

अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बनी

सीएम ने कहा कि सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है। हम उन अनगिनत रामभक्तों, कारसेवकों व पूज्य संतों के ऋणी हैं, जो संघर्ष के साथ अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरते हुए भी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए। 1528 से छह दिसंबर 1992 तक हर 15-20 वर्ष के अंतराल में हिंदू समाज अपनी जन्मभूमि को वापस प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य और संघर्ष करता रहा। जब इतिहास को देखते हैं तो मन भावुक हो जाता है, लेकिन परिणाम देखकर खुशी होती है कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं। कहा कि हमारी तीन-तीन पीढ़ियां इस अभियान के साथ जुड़ी रहीं। पूज्य महंत दिग्विजयनाथ महाराज को मैं नहीं देख पाया, लेकिन पूज्य गुरुदेव से सुनता था। मुझे याद है कि 2014 में पूज्य गुरुदेव की अंतिम सांसें चल रही थीं। हॉस्पिटल में अशोक सिंहल जी से गुरुदेव की आखिरी बातचीत हुई। उस दौरान गुरु जी कई दिनों से बोल नहीं रहे थे। अशोक जी को एक घंटे तक देखते रहे, फिर कहा कि राम मंदिर बन जाएगा न, अशोक जी ने कहा कि आप स्वस्थ होइए। मंदिर जरूर बनेगा।

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न्यास ने दिन देखा न रात, धूप देखी न बरसात

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार वर्ष के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने न दिन देखा, न रात। धूप देखी न बरसात। बिना किसी की परवाह किए इनका केवल एक ही ध्येय रहा कि रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़ने के साथ मंदिर को भव्य स्वरूप देना। कोटि-कोटि रामभक्तों के अनुरूप यहां व्यवस्था दी गई। न्यास अहर्निश लगकर कार्य कर रहा है। भक्तों की इच्छा के अनुरूप सुविधाओं को आगे बढ़ाने का काम मजबूती के साथ चल रहा है। पूरा परिसर एक बार भव्य रूप में आ जाएगा तो सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों को किस रूप में भव्य होना चाहिए, वह दृश्य दिखेगा। श्रीराम जन्मभूमि का यह भव्य मंदिर सनातन धर्म के सभी स्थलों के लिए नई प्रेरणा का केंद्रबिंदु बनने वाला है।

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सीएम ने प्रयागराज महाकुम्भ में किया आमंत्रित

सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से प्रयागराज की धरती पर महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। अयोध्या जैसी भव्य सुविधा प्रयागराज में प्राप्त होने वाली है। प्रयागराज महाकुम्भ भव्यता-दिव्यता, आस्था व आधुनिकता के संगम के रूप में देखने को मिल रहा है। सीएम ने सभी से अनुरोध किया कि एक बार जाकर त्रिवेणी में स्नान कीजिए और सनातन धर्म के बढ़े गौरव का मूर्त रूप देखकर आइए। इस अवसर पर महंत दिनेंद्र दास महाराज, धर्मदास महाराज, ज्ञानी गुरजीत सिंह, श्रीराम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री सचिव चंपत राय, विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी दिनेश, कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, अभय सिंह, अमित सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

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