Hindustan Special: बेटे की चाह छोड़ी, बेटी को ही बनाया IAS अफसर, यूपी के कारोबारी ने पूरा किया संकल्प
- गोण्डा जिले के एक कारोबारी आदित्य पाल और उनकी शिक्षक पत्नी ने बेटे की चाह छोडकर समाज को नया संदेश दिया। अपनी बेटी के सपने को एक बेटे की तरह पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी दो बेटियां वैष्णवी और भव्या है।
बेटे की चाह में लोग क्या नहीं कर जाते। यह भी होता है कि बेटे की चाह में कई बेटियों का जन्म होता है और परिवार को उनके खर्च को लेकर मुफलिसी के दौर से गुजरना पड़ता है। गोण्डा जिले के एक कारोबारी आदित्य पाल और उनकी शिक्षक पत्नी ने बेटे की चाह छोडकर समाज को नया संदेश दिया। अपनी बेटी के सपने को एक बेटे की तरह पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी दो बेटियां वैष्णवी और भव्या है। बेटियों को प्यार और दुलार किसी बेटे से कम नहीं करते।
कारोबारी आदित्य पाल के पिता राजेन्द्र पाल पहले होटल व्यवसाय से जुड़े थे। आदित्य पाल अपनी बेटियों को इतना मानते हैं कि एक और कारोबार का नाम दोनों बेटियों के नाम को जोड़कर बनाया। दोनों बेटियों वैष्णवी का पहला अंग्रेजी अक्षर वी और भव्या के आगे अक्षर बी को मिलाकर वीबी इंटरप्राइजेज के नाम से पेंट का कारोबार शुरू किया। कारोबारी आदित्य और उनकी धर्मपत्नी यह संकल्प ले चुके थे कि बेटे की चाह छोडकर अब इन बेटियों को उनके सपनों के मुकाम तक पहुंचाना है। आदित्य पाल कहते हैं इस दौर में कौन, किसने क्या कहा, इसकी जरा भी उन्होंने परवाह नहीं की। बस अपने संकल्प की ओर बेटी को उसके मुकाम तक पहुंचाने की कोशिशों में लगे रहे। दशकों तक जिंदगी तमाम उतार चढ़ाव के दौर से गुजरती रही। उन्होंने बताया कि एक बार तो उनका होटल कारोबार पूरी तरह से मंद पड़ गया।
दूसरा कारोबार करने की पहल करनी पड़ी। वहीं धर्मपत्नी रचना पाल मुख्यालय के एक प्रतिष्ठित कान्वेंट कालेज में शिक्षिका बन गई। अब बेटियों को उसी कालेज में शिक्षा भी चलने लगी और घर का कामकाज देखती। वहीं, आदित्य अपने कारोबार से जुड़ने के साथ व्यापारियों के संगठन से जुड़ गए और लोगों ने उन्हें नेता बना दिया। उस वक्त पंडित श्याम बिहारी मिश्र और बनवारी लाल कंछल के व्यापारी संगठन उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के नगर अध्यक्ष बना दिए गए। वयोवृद्ध व्यापारी नेता राम सिंह कहते हैं कि ईमानदारी, जज्बे और सैद्धांतिक रूप से लोगों की समस्याएं सुनने और उनका निस्तारण कराने में व्यापारी नेता आदित्य पाल की जिंदगी में कई बार उतार चढ़ाव आए और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने बेटियों की उच्च शिक्षा को लेकर चिंतित रहते। आखिरकार बड़ी बेटी वैष्णवी पाल ने दिल्ली में जेएनयू से स्नातक डिग्री करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के साथ वर्ष 2022 में आईएएस में चयनित हुई। बीते वर्ष बैचमेट आईएएस हिमांशु मंगल को जीवनसाथी बनाने के साथ दोनों परिवार में खुशी हैं। वहीं वर-बधू दो आईएएस मिलने से परिवार गर्व महसूस कर रहा है। फिलवक्त दोनों तमिलनाडु में पोस्टेड हैं। वहीं दूसरी बेटी भव्या पाल भी सिविल सर्विसेज की तैयारियों में जुटी है।
जिंदगी बनी खुशहाल तो समाज और परिवारीजन भी खुश
महज डेढ़ दशक पहले जिन मुश्किलों और परिस्थितियों का कारोबारी आदित्य पाल ने सामना कर परिवार को लेकर आगे बढ़े। परिवार में बेटी वैष्णवी पाल के आईएएस बनने के साथ जिंदगी खुशहाल हो गई। उसकी शादी के बाद तो परिवार में दो आईएएस अफसर होने से समाज व शुभचिंतको में खुशी की लहर दौड़ गई है।