Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़If children are reprimanded in schools then the teacher is not in good health, order issued to all BSAs

स्कूलों में बच्चों को फटकारा तो शिक्षक की खैर नहीं, सभी बीएसए को आदेश जारी

स्कूलों में बच्चों को फटकारा तो शिक्षक की खैर नहीं होगी। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों को मास्टर किसी भी प्रकार की शारीरिक और मानसिक दंड नहीं दे सकेंगे।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 16 Aug 2024 09:15 AM
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 प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों को मास्टर किसी भी प्रकार की शारीरिक और मानसिक दंड नहीं दे सकेंगे। बीते सोमवार को राज्य महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस संबंध में सभी बीएसए को आदेश जारी किया है। महानिदेशक की ओर से जारी आदेश में बच्चों को शारीरिक दंड दिए जाने पर चिंता जताते हुए उनके अधिकारों के प्रति असंवेदनशील तथा हिंसक संस्कृति का घोतक मानते हुए पूर्ण प्रतिबंधित किया है।

विद्यालयों में शिक्षक बच्चों को झाड़ना, फटकारना, परिसर में दौड़ाना, चिकोटी काटना, छड़ी से पीटना, चाटा जड़ना, चपत मारना, घुटनों के बल बैठाना, यौन शौषण, प्रताड़ना, कक्षाओं में अकेले बंद करने पर रोक लगाने का फरमान जारी किया गया है। यही नहीं ऐसी सभी कृत्य जिसमें छात्रों को अपमानित करते हुए नीचा दिखाना, शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचाने वाले हों को पूरी तरह से रोकने के लिए कहा गया है। इससे पहले भी डीजी शिक्षा ने जनवरी में आदेश दिया था। उन्होंने कहा है कि सभी बच्चों को व्यापक प्रचार-प्रसार से बताया जाए कि वह शारीरिक दंड के विरोध में अपनी बात कहने का अधिकार है। हर स्कूल, जहां छात्रावास, जेजे होम्स, बाल संरक्षण गृह आदि है, में एक फोरम बनाया जाए, जहां बच्चे अपनी बात रख सकें। हर स्कूल में एक शिकायत पेटिका हो, जहां छात्र अपना शिकायती पत्र दे सकें। अभिभावक शिक्षक समिति नियमित रूप से इन शिकायतों की सुनवाई करेंगे।

बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को दंडित किए जाने पर राज्य परियोजना निदेशालय से निर्देश जारी किया गया है। जिसको लेकर किसी भी स्कूलों में बच्चों की पिटाई या शारीरिक और मानसिक शोषण की शिकायत मिलने पर संबधित के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।

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