भाग्यशाली हूं…सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अतुल की खुशी का ठिकाना नहीं; IIT धनबाद में मिलेगा दाखिला
- सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने IIT धनबाद को अतुल का दाखिला लेने का फैसला सुनाया तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उसे छात्रावास की भी सुविधा मिलेगी। इस फैसले से अतुल और उसके पिता राजेन्द्र कुमार के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
Admission in IIT Dhanbad: मुजफ्फरनगर के टिटौड़ा निवासी दलित छात्र अतुल आज अपने को भाग्यशाली महसूस कर रहा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने आईआईटी धनबाद को अतुल का दाखिला लेने का फैसला सुनाया तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उसे छात्रावास की भी सुविधा मिलेगी। इस फैसले से अतुल और उसके पिता राजेन्द्र कुमार के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। अतुल ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि अब उसका आईआईटियन बनने का सपना पूरा हो जाएगा।
खतौली क्षेत्र के गांव टिटौडा के दलित छात्र का आईआईटियन बनने का सपना था, प्रवेश परीक्षा पास करने पर उसे आईआईटी धनबाद में प्रवेश मिलना था लेकिन गरीबी के चलते वह 17500 रुपये की फीस नहीं जमा करा पाया था। इसके बाद उसने प्रवेश लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया है। फैसले से अतुल के सपनों को पंख लग गए हैं, वह बताते हैं कि जलद ही धनबाद जाकर वह आईआईटी में प्रवेश लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करेंगे।
अतुल बोले, आईआईटी की तकनीकी कारणों से नहीं ले पाया प्रवेश अतुल ने बताया कि उसने बड़ी मेहनत और लगन से पढाई कर जेईई एडवांस एग्जाम पास किया और आईआईटी धनबाद में अपनी सीट पक्की की थी। पिता का सपना इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनने का था, लेकिन अपनी फीस 17500 रुपये से समय से जमा न करने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अतुल ने बताया नौ जून को अपने भाई के लैपटॉप से जब रिजल्ट देखा तो वह खुश था लेकिन 24 जून तक उसे यह सीट लॉक करने के लिए 17500 रुपये जमा कराने थे। घर में पैसे नहीं थे पैसे का इंतजाम किया पर समय खत्म होने से चार मिनट पहले तकनीकी समस्या के कारण वह पैसे जमा नहीं कर पाया और उसे आईआईटी की सीट गंवानी पड़ी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रवेश का रास्ता मिल गया।
अतुल के दो बड़े भाई कर रहे एमटेक और बीटेक
अतुल के पिता राजेन्द्र कुमार व मां राजेश देवी की खुशी का ठिकाना नहीं है। राजेन्द्र कुमार अपने बेटे के साथ अभी भी दिल्ली में ही हैं। फोन पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नजीर बताया। उनका बड़ा बेटा मोहित एनआईटी हमीरपुर हिमाचल प्रदेश से एमटेक कर रहा है। दूसरा बेटा रोहित आईआईटी खड़गपुर से केमिकल्स में बीटेक कर रहा है। तीसरा बेटा खतौली से ही बीए फाइनल कर रहा है और छोटा बेटा अतुल को अब आईआईटी धनबाद में बीटेक में प्रवेश मिल जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी धनबाद को एक सीट बढ़ाने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को समायोजित करने के लिए एक अतिरिक्त सीट बढ़ाने का आदेश दिया है ताकि दाखिला ले चुके किसी अन्य छात्र के प्रवेश में बाधा न आए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता कुमार को 17,500 रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। साथ ही, आईआईटी को दाखिला देने के साथ ही, छात्रावास की सुविधा भी देने को कहा है। शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने के लिए मिली अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया। वहीं मुख्य न्यायाधीश ने उसे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
वर्ष 2021 में भी एक दलित छात्र को मिला था प्रवेश
अतुल ने बताया कि तीन साल पहले भी चीफ जस्टिस ने ऐसे ही मामले में न्याय दिया था। वर्ष 2021 में भी एक दलित छात्र समय पर फीस न जमा कर पाने की वजह से आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन नहीं ले पाया था। प्रिंस जयवीर सिंह बनाम भारत संघ के केस में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने छात्र के हक में फैसला सुनाया था और उसे आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन की अनुमति दी थी। जयबीर के केस में भी अतुल के वकील अमोल चितले और प्रज्ञा बघेल ने ही प्रतिनिधित्व किया था।