Hindustan Special: मिट्टी में दबी नवजात बच्ची को मिली नई जिंदगी, यशोदा बन नर्स कर रहीं देखभाल
एक मासूम जिंदगी ने न केवल मौत को मात दी, बल्कि मानवता की सबसे सुंदर तस्वीर भी दुनिया के सामने पेश की। दरअसल 2 महीने पहले इस नवजात बच्ची को किसी ने जंगल में मिट्टी में जिंदा दफना दिया था। सूचना मिलने पर पुलिस ने इसे अस्पताल में भर्ती कराया। अब इस नर्सें बच्ची का ख्याल रख रही हैं।
यूपी के संभल के जिला अस्पताल में एक मासूम जिंदगी ने न केवल मौत को मात दी, बल्कि मानवता की सबसे सुंदर तस्वीर भी दुनिया के सामने पेश की। मिट्टी में दबी इस नवजात बच्ची का जीवन तब शुरू हुआ, जब राहगीरों ने उसकी चीखें सुनीं और पुलिस ने उसे समय रहते अस्पताल पहुंचाया। कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि यहां से एक नई शुरुआत हुई, जहां एक स्टाफ नर्स ने इस नवजात को ममता के आंचल में समेट लिया। जब 'देवकी' ने मुंह मोड़ लिया, तब अस्पताल की स्टाफ नर्स ने 'यशोदा' बनकर इस मासूम का जीवन संवारने का संकल्प लिया। उन्होंने बच्ची को न केवल जीवनदान दिया, बल्कि उसकी देखभाल को अपनी पेशेवर जिम्मेदारी से बढ़कर मातृत्व का रूप दे दिया। अन्य नर्सें भी पूरे दिन बच्ची का दुलार करती है। बच्ची नर्सों की गोद में चैन की नींद लेती है।
नखासा थाना क्षेत्र के मन्नीखेड़ा गांव में दो महीने पहले इस नवजात बच्ची को किसी ने जंगल में मिट्टी में जिंदा दफना दिया था। राहगीरों ने बच्ची की चीखें सुनीं और तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बच्ची को मिट्टी से निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने तत्परता से इलाज शुरू किया। लेकिन बच्ची के पोषण और देखभाल की जरूरतें चिकित्सा से कहीं आगे की थीं। ऐसे में अस्पताल की स्टाफ नर्स ने इंसानियत का ऐसा उदाहरण पेश किया और बच्ची को अपना दूध पिलाया। दिन-रात उसकी देखभाल की और उसकी हर जरूरत का ध्यान रखा। अस्पताल में बच्ची के लिए विशेष व्यवस्था की गई, नर्म बिस्तर, गर्म कंबल, और हीटर ताकि उसे ठंड से बचाया जा सके। बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है, उसकी किलकारियां अस्पताल के हर कोने में गूंज रही हैं। मरीजों के परिजन और अस्पताल का अन्य स्टाफ भी बच्ची को दुलारते हैं और उसकी मासूम मुस्कान हर दिल को छू लेती है।
नवजात के जीवन की नई शुरुआत
जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में नवजात बच्ची को भर्ती हुए दो माह हो चुके हैं। आज यह बच्ची अस्पताल के हर कोने में खुशियां बिखेर रही है। अस्पताल की स्टाफ नर्सें पूरे दिन बच्ची का ध्यान रखतीं हैं। रात में बच्ची की देखभाल के लिए स्टाफ नर्स रहती हैं। अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के दीमारदार भी बच्ची को दुलारते हैं। जिससे बच्ची की जिंदगी में खुशहाली आ गई है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपशिखा ने बताया कि तीन नंवबर को पुलिस द्वारा बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया था। नवजात बच्ची की अच्छे से देखरेख की जा रही है। उसके खानपान के साथ साथ सर्दी से बचाने के लिए हीटर अलग से बेड की व्यवस्था की गई है। अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ्य है।