High Court if all facilities government hospitals are good then why are patients getting treatment in nursing homes सरकारी अस्पताल की सभी सुविधाएं अच्छी तो नर्सिंग होम में इलाज क्यों करा रहे मरीज: हाईकोर्ट, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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सरकारी अस्पताल की सभी सुविधाएं अच्छी तो नर्सिंग होम में इलाज क्यों करा रहे मरीज: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्पताल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए दो वकीलों को न्याय मित्र नियुक्त कर उनसे रिपोर्ट मांगी है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, प्रयागराज, विधि संवाददाताSun, 11 May 2025 10:48 PM
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सरकारी अस्पताल की सभी सुविधाएं अच्छी तो नर्सिंग होम में इलाज क्यों करा रहे मरीज: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की ओर से दाखिल हलफनामे पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर अस्पताल में सब कुछ इतना बढ़िया है तो मरीजों को नर्सिंग होम में इलाज क्यों कराना पड़ता है। कोर्ट ने अस्पताल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए दो वकीलों को न्याय मित्र नियुक्त कर उनसे रिपोर्ट मांगी है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने की।

याचिकाकर्ता डॉ. अरविंद गुप्ता ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने एक मई 2025 को दिए आदेश के अनुपालन में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर के प्राचार्यों से हलफनामे मांगे थे। सुनवाई के दौरान दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों की ओर से हलफनामा दाखिल कर अस्पतालों की स्थिति की जानकारी दी गई।

विशेष रूप से मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हलफनामे में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की साफ-सुथरी तस्वीरें प्रस्तुत की गईं, जिनमें अस्पताल के विभिन्न विभागों की स्थिति दर्शाई गई थी। कोर्ट ने कहा कि इन तस्वीरों से प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पताल में सुविधाएं पर्याप्त हैं और व्यवस्था नियंत्रण में है। हालांकि, कोर्ट ने याचिका की पृष्ठभूमि पर ध्यान देते हुए पूछा कि अस्पताल में इतनी अच्छी सुविधाएं है तो मरीज का इलाज निजी अस्पताल में क्यों किया गया। इस विरोधाभास से ऐसा लगता है कि कागजी दस्तावेज और वास्तविक स्थिति में अंतर हो सकता है।

इस संभावित अंतर की जांच के लिए अदालत ने अधिवक्ता ईशान देव गिरि और प्रभुति कांत त्रिपाठी को न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया है। न्याय मित्रों को निर्देश दिया गया है कि वे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल का भौतिक निरीक्षण कर निष्पक्ष रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें। कोर्ट ने यह निरीक्षण एक सप्ताह की भीतर पूरा करने और रिपोर्ट 20 मई 2025 को पेश करने का निर्देश दिया है।