स्कूल की मान्यता आठवीं की, चल रहीं हाईस्कूल-इंटर की कक्षाएं
Hathras News - फोटो-46, 47, 48, 49 स्कूल की मान्यता आठवीं की, चल रहीं हाईस्कूल-इंटर की कक्षाएंस्कूल की मान्यता आठवीं की, चल रहीं हाईस्कूल-इंटर की कक्षाएंस्कूल की

फोटो-46, 47, 48, 49 स्कूल की मान्यता आठवीं की, चल रहीं हाईस्कूल-इंटर की कक्षाएं मुरसान। मुरसान के नई बस्ती में आठवीं तक मान्यता प्राप्त गायत्री देवी पूर्व विद्यालय में कक्षाओं में भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। जिन स्कूलों के पास मान्यता नहीं हैं वे बच्चों का दाखिला तो करा लेते हैं मगर रिजल्ट दूसरे स्कूलों के नाम का जारी करते हैं। वहीं,शिक्षा विभाग इस बात से अंजान बना हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी अफसरों और शिक्षा विभाग के संज्ञान में होने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नौ से लेकर बारह तक गैर मान्यता प्राप्त इस खेल से अभिभावक अनभिज्ञ हैं।
इससे छात्रों का भविष्य अंधकार में फंसता दिख रहा है।मुरसान में आठवीं की मान्यता लेकर इंटर तक की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। सालों से चल रहे अटैचमेंट के खेल को शिक्षा विभाग खत्म नहीं कर पा रहा है। शिक्षा सत्र शुरू होने पर ऐसे विद्यालयों पर सख्ती का दावा तो किया जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद सब सामान्य हो जाता है।मान्यता लेने वाले विद्यालयों के अलावा कई ऐसे स्कूल हैं जो बेसिक शिक्षा परिषद से आठवीं तक की मान्यता लिए हैं, लेकिन वहां नौवीं, 11वीं तक के छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जा रहा है।विद्यार्थियों को अच्छे नंबर से पास कराने का हवाला देकर उनका प्रवेश किसी दूसरे विद्यालय में कराते हैं। यह एक, दो नहीं बल्कि कई साल से चल रहा है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। कस्बा मुरसान के नई बस्ती में स्थित गायत्री देवी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में आठ तक विद्यालय चलने की मान्यता है।मगर अब नौ से लेकर बारह तक के छात्र छात्राओं के एडमिशन लिए जा रहे है।वही आज मुरसान रेलवे स्टेशन के पीछे कोचिंग सेंटर की आड़ में एक स्कूल संचालक नौ से लेकर बारह तक की क्लास चला रहा है। बातचीत के दौरान उसने बताया कि बारह में एडमिशन के लिए साथ हजार से लेकर आठ हजार का खर्चा आता है।और नौ से बारह तक के एडमिशन वह किसी और स्कूल में दे देते है। क्षेत्रों में कई ऐसे विद्यालय संचालित हैं जो मान्यता तो आठवीं तक लिए हैं, लेकिन कक्षाएं इंटर तक चला रहे हैं। जिससे बोर्ड परीक्षा के समय छात्र-छात्राओं संग अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूलों में तैनात अप्रिशिक्षित शिक्षक उन्हें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं। इससे विद्यार्थी किसी तरह हाईस्कूल व इंटर उत्तीर्ण तो हो जाते हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। एबीएसए गिर्राज सिंह ने बताया कि उनके इस मामले की जानकारी है। मामले की जांच कराई जाएगी। इस तरीके से चल रहे विद्यालय के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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