महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की सही संख्या बताए सरकार, बजट के बहाने अखिलेश का सरकार पर निशाना
- केंद्र सरकार के आम बजट के बहाने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधा। पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने जोर देते हुए कहा, महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों की संख्या बजटीय आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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केंद्र सरकार के आम बजट के बहाने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधा। पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने जोर देते हुए कहा, महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों की संख्या बजटीय आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर सरकार के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई भगदड़ में मरने वालों की जो संख्या बताई गई है वह सही नहीं है। महाकुंभ 12 साल बाद आता है। हमारे लिए महाकुंभ में भगदड़ में मरने वालों का आंकड़ा बजट आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। सरकार यह नहीं बता पा रही है कि कितने लोग मारे गए, लापता हुए हैं या घायल हुए हैं। सरकार द्वारा बताई गई मौतों की संख्या झूठी है... आपने क्या व्यवस्था की है? यह सरकार कहती है कि हम हिंदुओं की पार्टी हैं, लेकिन वे हिंदुओं के इस सबसे बड़े त्योहार के लिए व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं।
26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शनिवार को 5.42 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाई। इनमें से 10 लाख से ज़्यादा कल्पवासी और 4.42 मिलियन तीर्थयात्री आज त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं। 31 जनवरी तक, इस आयोजन के शुरू होने के बाद से अब तक 314.6 मिलियन से ज़्यादा लोग तीन नदियों के पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। महाकुंभ में बाकी महत्वपूर्ण स्नान तिथियाँ 3 फरवरी (बसंत पंचमी-तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) हैं।
सीएम योगी ने महाकुंभ भगदड़ स्थल का किया दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को हुई भगदड़ स्थल का दौरा किया, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए और घायल हुए।उन्होंने महाकुंभ का हवाई सर्वेक्षण भी किया। सीएम योगी 3 फरवरी को बसंत पंचमी की तैयारियों का जायजा लेने प्रयागराज पहुंचे। भगदड़ की घटना पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि कुछ महान आत्माएं इस दुर्घटना का शिकार हो गईं। उन्होंने कहा, मैं उन संतों का अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने मौनी अमावस्या के अवसर पर हमारे सामने आई चुनौती (भगदड़ की घटना) का धैर्यपूर्वक सामना किया।
कुछ महान आत्माएं उस दुर्घटना का शिकार हुईं, लेकिन उस स्थिति में हमारे संतों ने रक्षक की भूमिका निभाई और धैर्य और साहस के साथ उस चुनौती पर विजय प्राप्त की। सनातन धर्म का विरोध करने वाले यह उम्मीद कर रहे थे कि हमारे संतों का धैर्य जवाब दे जाएगा और वे उपहास का पात्र बनने की कोशिश कर रहे थे। हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो इन पूज्य संतों के मार्गदर्शन में सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों के साथ आगे बढ़ते हुए लगातार सनातन धर्म के खिलाफ गुमराह कर रहे हैं और षड्यंत्र कर रहे हैं। जब तक हमारे संतों का सम्मान है, तब तक कोई भी सनातन धर्म को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। बतादें कि बुधवार को मौनी अमावस्या स्नान अनुष्ठान के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल का दौरा किया। आयोग को त्रासदी के कारणों और परिस्थितियों की जांच करने का काम सौंपा गया है और वह एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।