गोरखपुर बनेगा प्राकृतिक खेती का मॉडल, 5000 हेक्टेयर का लक्ष्य
Gorakhpur News - गोरखपुर में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 5000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जाएगी। 12500 किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए 200 कृषि सखियों का पांच दिवसीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण...
गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर जनपद में नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग (एमएमएनएफ) के तहत 5000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जाएगी। गोला, बड़हलगंज और बेलघाट विकासखंडों के 100 कलस्टरों में 12500 किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती का प्रशिक्षण देने के लिए इन ब्लॉक की 200 कृषि सखियों का पांच दिवसीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। इन कृषि सखियों को प्रति किसान प्रशिक्षण 500 रुपये का भुगतान मिलेगा। प्राकृतिक विकास खण्डों गोला से 50 कृषि सखियों, बड़हलगंज से 70 कृषि सखियों एवं बेलघाट से 80 कृषि राखियों का 13 मई से 17 मई तक राजकीय कृषि विद्यालय चरगांवा गोरखपुर पर 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सम्पन्न हुआ।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था के उपाध्यक्ष राधेश्याम सिंह और संयुक्त कृषि निदेशक डॉ अरविंद सिंह ने कृषि सखियों को प्रमाणपत्र वितरित किए और उन्हें खेती के क्षेत्र में सामाजिक बदलाव का वाहक बताया। कहा कि रासायनिक खेती से मृदा और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जबकि जैविक खेती न केवल ज़मीन की उर्वरता को बनाए रखती है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया कि उन्होंने गोरखपुर को प्राकृतिक खेती के प्रथम मॉडल जनपद के रूप में चुना। समापन समारोह में उप कृषि निदेशक धनन्जय सिंह, सहायक निदेशक डॉ. शत्रुघ्न कुमार सिंह, पर्यावरणविद् भुवनेश्वर नाथ पाण्डेय समेत अन्य उपस्थित रहे। विशेषज्ञों ने कृषि सखियों को विषमुक्त उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण और पशुधन संवर्धन पर मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम का संचालन श्वेता श्रीवास्तव ने किया और अंत में संयुक्त कृषि निदेशक श्री सिंह ने सभी प्रतिभागियों और अधिकारियों का आभार जताकर समापन की घोषणा की।
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