यूपी के किसानों के लिए अच्छी खबर, इस चीज की खेती पर प्रति हेक्टयर 12000 का अनुदान देगी सरकार
- पिछले दो वर्षों से आसमान छूते लहसून के दामों को देखते हुए सरकार यूपी में भी बड़े पैमाने पर लहसुन का उत्पादन शुरू कराने की तैयारी में है।

पिछले दो वर्षों से आसमान छूते लहसून के दामों को देखते हुए सरकार यूपी में भी बड़े पैमाने पर लहसुन का उत्पादन शुरू कराने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार अगले सीजन से किसानों को प्रति हेक्टेयर अधिकतम 12,000 रुपये तक का अनुदान देने का निर्णय किया है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान इसमें किसानों को बेहतर क्वालिटी के बीज मुहैय्या कराएगी।
सरकार ने प्रदेश में लहसुन उत्पादन के लिए प्रदेश के 45 जिलों को चयनित किया गया है। पहले चरण में इन 45 जिलों के 10,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत लहसुन की खेती शुरू कराई जाएगी। बीते दो सालों से खुदरा बाजारों में लहसुन के दाम 300 से 400 रूपये प्रतिकिलो के तक पहुंच जाने के कारण राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के माध्यम से विशेष योजना तैयार की है।
प्रति हेक्टेयर 12,000 रूपये तक मिलेगा अनुदान
इसके तहत प्रदेश में प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की अनुमानित इकाई लागत तय की गई है। इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत, यानी अधिकतम 12 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान प्रति किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4.0 हेक्टेयर तक की भूमि पर उपलब्ध होगा। लहसुन के बीज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से किसानों को मुहैय्या कराए जाएंगे। बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच निर्धारित की गई है।
किसानों को करना होगा डीएचओ कार्यालय से सम्पर्क
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए चयनित जिलों के किसानों को अपने जिले के उद्यान अधिकारी डीएचओ कार्यालय में संपर्क करना होगा। साथ ही, किसान स्वयं को योजना में पंजीकरण कराने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in पर भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। अगले सीजन में किसानों से लहसुन की खेती कराने के लिए केन्द्र सरकार ने वित्तीय मंजूरी प्रदान कर दी है।
इन जिलों में लहसुन की खेती शुरू कराने की है विशेष योजना-
योजना के क्रियान्वयन के लिए कुशीनगर, महराजगंज, अयोध्या, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली, सुल्तानपुर, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, झांसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, कानपुर, इटावा, मैनपुरी, हाथरस, कन्नौज, फर्रूखाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलन्दशहर, बरेली, मुरादाबाद, मथुरा, आगरा तथा गाजियाबाद का चयन किया गया है।