खुशखबरी: यूपी में इस साल एक लाख के पार होगी प्रतिव्यक्ति औसत आय, 13 साल में 3 गुना बढ़ी
- एक वक्त ऐसा भी था जब दुनिया भर में कोरोना के प्रकोप के चलते अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा। तब राज्य की प्रति व्यक्ति आय में गिरावट देखी गई। लेकिन इसके अगले साल ही यूपी ने खुद को मजबूती से संभाला। 2021-22 में वृद्धि दर में 20.2 प्रतिशत का उछाल आ गया। यह दर इन 13 सालों में सर्वाधिक है।

Increase in Average Per Capita Income: उत्तर प्रदेश में 13 साल में प्रति व्यक्ति औसत आय तीन गुना से ज्यादा हो गई है। साल 2011-12 के वक्त राज्य प्रति व्यक्ति आमदनी 32002 महीने सालाना थी। साल 2023-24 आते आते यह आंकड़ा 93422 रुपये तक हो गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह आमदनी एक लाख रुपये से ज्यादा होने के अनुमान है। यही नहीं आय वृद्धि दर भी बढ़ रही है। पहले यह यह दर 12.2 प्रतिशत थी। अब यह 12.5 प्रतिशत हो गई।
एक वक्त ऐसा भी था जब दुनिया भर में कोरोना के प्रकोप के चलते अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा। तब राज्य की प्रति व्यक्ति आय में गिरावट देखी गई। लेकिन इसके अगले साल यूपी ने खुद को मजबूती से संभाला और 2021-22 में वृद्धि दर में 20.2 प्रतिशत का उछाल आ गया। यह दर इन तेरह सालों में सर्वाधिक है। ध्यान देने की बात है कि यूपी देश में सर्वाधिक लगभग 24 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला राज्य है।
अगर जीडीपी का हाल देखें तो यह वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश की जीडीपी 25.63 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। जीडीपी की औसत दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। देश की जीडीपी में वृद्धि दर 2023-24 में 9.6 प्रतिशत थी जबकि यूपी की दर 13.5 प्रतिशत हो गई। नियोजन विभाग ने पिछले महीने वर्ष 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश के राज्य आय व्यय अनुमान पर रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में यूपी को लैंड आफ मिडनाइट सन बताया गया
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के स्तर पर पहुंचाने में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। रिपोर्ट में यूपी को भविष्य में लैंड आफ मिड नाइट सन बताया गया है जो दर्शाता है कि प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है और राष्ट्रीय विकास में एक सारथी के रूप में पूर्ण भूमिका निभा रहा है।
यूपी की प्रति व्यक्ति औसतन आय
वर्ष प्रति व्यक्ति आय रुपये
2011-12 33002
2012-13 35818
2013-14 40124
2014-15 42267
2015-16 47118
2016-17 52671
2017-18 57944
2018-19 62350
2019- 20 65660
2020-21 61598
2021-22 74055
2022-23 83057
2023- 24 93422