गुड न्यूज: यूपी में युवाओं के लिए खुलेंगे संभावनाओं के नए द्वार, 6 हजार नई फैक्टरियों की तैयारी
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 खरब रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने को औद्योगिक विकास विभाग को यह नया लक्ष्य दिया है। इसके लिए जमीन न मिलने के कारण लंबित परियोजनाओं को नए सिरे से चिन्हित किया जाएगा। उन्हें जिले वार जमीन आवंटित कराने का अभियान चलाया जाएगा।

New factories will open in UP: उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए खुशखबरी है। उनके लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलने वाले हैं। प्रदेश में इस साल 6000 नई फैक्टरियां खोलने की तैयारी है। इसके लिए तेजी से जमीन आवंटित करने से लेकर उत्पादन शुरू कराने तक व्यापक स्तर पर निवेशकों को सहयोग कराया जाएगा। वर्ष 2024-25 में 26915 फैक्ट्रियां हैं। इस तरह अब प्रदेश में फैक्टरियों की संख्या करीब 32 हजार हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 खरब रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने को औद्योगिक विकास विभाग को यह नया लक्ष्य दिया है।
इसके लिए जमीन न मिलने के कारण लंबित परियोजनाओं को नए सिरे से चिन्हित किया जाएगा और जिले वार उन्हें जमीन आवंटित कराने का अभियान चलाया जाएगा। हाल में वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था संबंधी बैठक में मुख्यमंत्री ने निवेश परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे। उन परियोजनाओं में उत्पादन चालू कराने को कहा गया था जिनका शिलान्यास ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी में कराया जा चुका है।
औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने औद्योगिक परियोजनाओं के लिए जमीन आवंटन के काम में आ रही बाधाओं को दूर करने और इसमें तेजी लाने के लिए सभी औद्योगिक प्राधिकरणों की बैठक बुलाई है। इसमें जमीन आवंटन की चुनौतियां व नए भूमि बैंक सृजन पर निर्णय लिए जाएंगे। इस बीच मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा है कि उन फैक्टरियों का पंजीकरण कराया जाए जो किन्हीं कारणों से पंजीकृत नहीं हो सकीं हैं। अब गैर पंजीकृत कारखाने व फैक्ट्रियों का पंजीकरण श्रम विभाग में कराया जाएगा।
ये खुलेंगी फैक्टरियां
यूपी में खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग उत्पाद व रसायन आधारित उद्योगों पर खासा फोकस किया गया है। पशुधन व कृषि आधारित उद्योगों पर पहले से ज्यादा फोकस रहा है। अब पेय पदार्थ, खाद्य तेल, अनाज मिल, शराब, चीनी, सीमेंट साफ़्ट ड्रिंक,चमड़े , कागज, डिटर्जेंट केक व पाउडर, फैब्रीकेटेड धातु, मोटर ट्राली, संबंधित उत्पाद पर आधारित उद्योग ज्यादा खुलेंगे। नान लेदर जूते निर्माण पर खास फोकस होगा। इससे क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार मिलेंगे।
32 हजार अब यूपी में फैक्टरियों की संख्या हो जाएगी
यूपी के नियोजन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2011-12 में पंजीकृत व कार्यरत फैक्टरियां की संख्या 10555 थी जबकि साल 2018-19 में यह संख्या 13783 हो गई। साल 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 14348 हो गई। तीन साल में फैक्ट्रियां की संख्या 19 हजार पार कर गई। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 यूपी में 19102 फैक्ट्रियां हैं। सबसे ज्यादा फैक्टरियां तमिलनाडु में हैं। उसके बाद नंबर दो पर गुजरात है। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। यूपी चौथे स्थान पर है।
प्रमुख सचिव बोले
औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि सीएम के निर्देश के बाद अब दुगनी रफ्तार से जमीन का आवंटन होगा। जल्द जमीन आवंटित कर उद्योग लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि उत्पादन चालू हो और रोजगार बढ़े। नई निर्यात नीति तैयार की जा रही है।