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इलाहाबाद हाईकोर्ट के फोटो एफिडेविट सेंटर में फर्जीवाड़ा, सीबीआई जांच का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन की ओर से एक एजेंसी के माध्यम से संचालित फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर में फर्जीवाड़ा उजागर होने की जांच सीबीआई को सौंप दी है और सीबीआई से जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है।

Yogesh Yadav प्रयागराज विधि संवाददाताTue, 24 Sep 2024 11:45 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन की ओर से एक एजेंसी के माध्यम से संचालित फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर में फर्जीवाड़ा उजागर होने की जांच सीबीआई को सौंप दी है और सीबीआई से जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने गुरेंद्र उर्फ गोलू की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने याची के खिलाफ ट्रायल कोर्ट अमरोहा में मुकदमे की सुनवाई पर लगी रोक हटाते हुए आरोप तय होने के कारण स्थगनादेश आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने केस कार्यवाही पर लगी रोक भी नहीं बढ़ाई।

कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व निबंधक अनुपालन से कहा कि आदेश की कापी संयुक्त निदेशक सीबीआई लखनऊ को तत्काल भेजें ताकि वह किसी अधिकारी को जांच सौंप सकें। मामले के तथ्यों के अनुसार 12 मई 2023 को पीड़िता पुष्पा पर फायरिंग की की गई। पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे गोली की छह जानलेवा चोटें आईं। अस्पताल में भर्ती कराया गया और जान बच गई। पीड़िता की बहन ने बछरावां थाने में याची सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। 

पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया। याची ने अपराध से उन्मोचित करने की अर्जी दी जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी और आरोप तय कर दिया। याची ने कहा कि फायरिंग की घटना के दिन वह 700 किमी दूर प्रयागराज में हाईकोर्ट के फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर पर फोटो खिंचवाने आया था। इसी आधार पर उसने हाईकोर्ट से जमानत भी पा ली।

उन्मोचित करने की अर्जी खारिज होने पर यह याचिका की। पीड़िता ने याचिका का नोटिस पाने पर याची के हलफनामे का विरोध किया और कहा कि उसने घटना के दिन का फर्जी फोटो दिया है। पीड़िता ने भी पैसे खर्च कर घटना के दिन का फोटो खिंचवाया और वकील के माध्यम से दाखिल करके कहा कि पैसे से किसी भी दिन का फोटो प्राप्त की जा सकती है। एक अधिवक्ता ने बताया कि बार एसोसिएशन में 120 रुपये जमा कर फोटो आईडी एडिट कराई जाती है।

कोर्ट ने हाईकोर्ट बार के महासचिव विक्रांत पांडेय को सहयोग के लिए बुलाया और सुनवाई टालते हुए रिपोर्ट मांगी। बार एसोसिएशन ने जांच कर रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा कि 21 सितंबर को 12 मई 2023 की फ़ोटो पीड़िता को दी गई है। कोर्ट ने कहा कि सीरियस अपराध हुआ है। ऐसे में दस्तावेजों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच जरूरी है। साथ ही सीबीआई जांच का आदेश देते हुए उससे रिपोर्ट मांगी है।

कोर्ट ने सभी संबंधित लोगों को जांच में सीबीआई को सहयोग देने और महानिबंधक को दस्तावेज व बार एसोसिएशन की रिपोर्ट की कापी सीबीआई को उपलब्ध कराने तथा उसे मूल पत्रावली का निरीक्षण करने की अनुमति देने का निर्देश दिया है।

याचिका की सुनवाई के समय दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के अलावा हाईकोर्ट बार के महासचिव विक्रांत पांडेय, डिप्टी सॉलीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश, सीबीआई के अधिवक्ता संजय यादव आदि उपस्थित रहे।

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