Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़First anniversary of Ramlala Pran-Pratishtha in Ayodhya Shri Ram Yantra proved with 6 crore mantras in 10 year

रामलला प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ :10 साल में 6 करोड़ मंत्रों से सिद्ध किया श्रीरामयंत्र

  • अयोध्या राम मंदिर में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आज से उत्सव शुरू हो गया। चिदंबरम शास्त्री नें बताया कि 10 वर्षों तक अनवरत रामतारक मंत्र का षष्ठ कोटि यानी 6 करोड़ जप कर रामयंत्र को सिद्ध किया। इसी रामयंत्र पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसी। वैशाली मिश्राSat, 11 Jan 2025 11:06 AM
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पूरा विश्व मंत्र के अधीन है। इसलिए मूर्ति को भी मंत्र और यंत्र से शक्ति मिलती है। किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के पहले और बाद का अंतर आसानी से महसूस किया जा सकता है- ये कहना है पं. चिदंबरम शास्त्रत्त्ी का। शास्त्रत्त्ीजी ने ही उस रामयंत्र को मंत्रसिद्ध किया है जिस पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। पं. चिदंबरम शास्त्रत्त्ी इन दिनों अपनी पत्नी जानकी देवी के साथ ‘काशी सेवन’ कर रहे हैं। प्रतिदिन बाबा विश्वनाथ का दर्शन एवं विशिष्ट शिवमंत्र का जप उनके ‘काशी सेवन’ से जुड़ी दिनचर्या के विशिष्ट अंग हैं।

अयोध्या में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर चिदंबरम शास्त्रत्त्ी ने ‘हिन्दुस्तान’ से विशेष बातचीत में बताया कि 10 वर्षों तक अनवरत रामतारक मंत्र का षष्ठ कोटि यानी 6 करोड़ जप कर रामयंत्र को सिद्ध किया। रामतारक मंत्र में छह शब्द हैं। उन्होंने हर शब्द का जाप एक करोड़ बार हुआ। चिदंबरम शास्त्रत्त्ी आंध्र प्रदेश में ओंगोल जिले के रहने वाले हैं। वहां वह हनुमत जागरण समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि समिति से जुड़े लोगों ने 2014 में अयोध्या के राममंदिर के लिए एक सिद्ध यंत्र की चर्चा की। उस दौरान चर्चा चल रही थी कि मंदिर बनने पूरी संभावना है। मंदिर के पक्ष में कई साक्ष्य भी थे। इससे केस मजबूत हो रहा था। तभी हमने तय किया कि कोर्ट से फैसला मंदिर के पक्ष में आए, इसके लिए भी मंत्र जप करेंगे। 2014 में यंत्र सिद्ध करने के लिए मंत्र जप शुरू कर दिया था। 22 जनवरी-2024 को प्राण प्रतिष्ठा हुई। इससे पहले 16 जनवरी को क्षीर तर्पण से श्रीरामयंत्र का अभिषेक हुआ।

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संस्कृत के प्रोफेसर रहे हनुमान पर किया शोध

पं. चिदंबरम शास्त्री आंध्र प्रदेश में संस्कृत के प्रोफेसर थे। उन्होंने तेलुगु और संस्कृत में एमए किया है। इसके बाद रामभक्त हनुमान पर पीएचडी की। 25 सालों के रिसर्च के बाद हनुमान पर किताब लिखी। उन्होंने कहा कि ऋषि पाराशर ने प्रभु हनुमान का जो चरित्र लिखा, वह ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। इन सब पर रिसर्च के बाद किताब लिखी।

पं. चिदंबरम शास्त्रत्त्ी ने कहा कि श्रीराम अन्नशक्ति हैं। अयोध्या में उनके दर्शन के लिए आने वाला कोई भक्त भूखा न जाए।

मां सीता, अनुजों एवं भक्त हनुमान के भी यंत्र

अयोध्या में राममंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद माता सीता के साथ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ राम भक्त हनुमान के विग्रहों की भी स्थापना होगी। इनके लिए भी चिदंबरम शास्त्रत्त्ी ने यंत्र तैयार किए हैं। उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान ही यंत्रों को मंदिर प्रबंधन को सौंप दिया है। वहां बाकी विग्रहों की प्राणप्रतिष्ठा तक उन यंत्रों की प्रतिदिन यंत्रों की पूजा होगी।

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