सुहाग नगरी में उल्लास से मनाई अनंत चतुर्दशी
फिरोजाबाद में दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन अनन्त चतुर्दशी पर्व धूमधाम से मनाया गया। जैन श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की, निर्जला व्रत रखा और भक्ति भाव से दर्शन किए। आचार्य बसु नंदी ने धर्म सभा...
फिरोजाबाद। सुहागनगरी में दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन अनन्त चतुर्दशी पर्व उत्साह के साथ मनाया। नगर के जैन मंदिरों में भगवान अनंतनाथ का पूजन किया। भगवान वासुपूज्य का निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। मंदिर परिसर दिन भर श्रीजी के जयकारों से गूंजते रहे। मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर नगर में जैन श्रद्धालुओं ने टोलियों के रूप में सभी जिनालयों की परिक्रमा की। सुबह होते ही श्रद्धालुओं के कदम मंदिरों की ओर बढ़ चले। जहां पर उन्होंने भक्ति भाव से श्री जी के दर्शन किए। समूचा नगर तीर्थंकर भगवान के जयकारों से गूंजने लगा।
जैन धर्म के अनुयाइयों के लिए दशलक्षण पर्व का अंतिम दिन था। जो कि वर्ष में सबसे बड़े व्रत का भी दिन रहा। अनंत चतुर्दशी पर्व पर बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रद्धांलुओं ने निर्जला व्रत और उपवास रख कर संसार के सभी लोगों के लिए सुख मय जीवन की कामना की।
प्रातःकाल श्रद्धालुओं ने जैन मंदिर पहुंचकर श्री जी का भक्ति भाव से जिनाभिषेक किया। उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की गई। नगर में महावीर जिनालय पर आयोजित धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए जैन आचार्य बसु नंदी ने कहा कि पिछले सभी नौ धर्म उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम आदि का मूल सार उत्तम ब्राह्मचर्य धर्म में ही है।
काम सेवन का मन से, वचन से तथा शरीर से परित्याग करके अपने आत्मा में रमना ब्रह्मचर्य है। संसार में समस्त वासनाओं में तीव्र कामवासना है। इसी कारण अन्य इन्द्रियों का दमन करना तो बहुत सरल है। काम वासना की इन्द्रिय का वश में करना बहुत कठिन है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।