बिजली विभाग से करोड़ों के टेंडर मंजूरी की फाइलें गायब, अधिकारी की अलमारी खुलते ही मचा हड़कंप
- अधीक्षण अभियंता की जांच में कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार के केबिन में लगे कैमरे और हार्ड डिस्क भी गायब मिलने की बात सामने आई है। सूत्रों ने बताया कि कार्यकारी अधिकारी जाते समय CCTV कैमरा और हार्ड डिस्क साथ ले गए।
Electricity Department: वाराणसी में नगरीय विद्युत वितरण मंडल-प्रथम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय से करोड़ों रुपये के टेंडर मंजूरी की 12 फाइलें गायब कर दी गई हैं। वहीं, कई टेंडर फाइलों में बड़ी अनियमितता पाई गई है। किसी फाइल में टिप्पणी और आदेश की प्रति नहीं है तो किसी में अधीक्षण अभियंता के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके अलावा कई फाइलों का प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमोदन तक नहीं लिया गया है। गोरखपुर ट्रांसफर होने के बाद कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार की आलमारी खोलने के बाद इसका खुलासा हुआ। कार्यकारी अधिकारी पर 32 करोड़ की टेंडर फाइल पर फर्जी हस्ताक्षर कराने का भी आरोप है। दो सदस्यीय कमेटी इस प्रकरण की जांच कर रही है। तत्कालीन अधीक्षण अभियंता वीपी कठेरिया ने गायब फाइलों की लिस्टिंग की और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी शंभु कुमार को सूचना दी। इसके अलावा निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) तथा मुख्य अभियंता (वितरण) अरविंद कुमार सिंघल को दी है। वहीं, इतनी बड़ी संख्या में फाइलें गायब होने से विभाग में हड़कंप मचा है। सूत्रों ने बताया कि कई महत्वपूर्ण योजना के टेंडर की फाइलें दफ्तर से ही गायब हैं।
अधीक्षण अभियंता के पत्र के अनुसार एमडी के निर्देश पर कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार का तबादला गोरखपुर कर दिया गया था। कार्यमुक्त करने के बाद भी संबंधित पटल कर्मचारियों को निविदा संबंधी अभिलेखों को हस्तांतरित नहीं किया जा रहा था। बार-बार सूचित किए जाने के बाद अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था। काफी दबाव के बाद कार्यकारी अधिकारी के पास कर्मचारी के जरिए अलमारी की चाभी भेजी गई। अलमारी खोलने के बाद जब रिकॉर्ड का मिलान किया गया तो 12 फाइलें लापता दिखीं।
सीसीटीवी कैमरा और हार्ड डिस्क भी गायब
अधीक्षण अभियंता की जांच में कार्यकारी अधिकारी राहुल कुमार के केबिन में लगे कैमरे और हार्ड डिस्क भी गायब मिलने की बात सामने आई है। सूत्रों ने बताया कि कार्यकारी अधिकारी जाते समय सीसीटीवी कैमरा और हार्ड डिस्क साथ ले गए।
क्या बोले मुख्य अभियंता
मुख्य अभियंता अरविंद कुमार सिंघल ने कहा कि यह गंभीर मामला है। हालांकि कुछ फाइलें मिली हैं, लेकिन अधीक्षण अभियंता को इसपर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। मैं खुद इसे देखूंगा।