फांसी के फंदे पर लटकेंगे बाप-बेटे! संपत्ति की लालच में की थी भाई की हत्या, 10 साल बाद आया फैसला
बरेली की फास्ट ट्रैक प्रथम की रवि कुमार की कोर्ट ने सगे भाई और भतीजे को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 2.20 लाख का जुर्माना भी लगाया है। 10 साल पहले संपत्ति के लालच में दोनों ने मिलकर अविवाहित भाई की हत्या दी थी।
यूपी के बरेली में संपत्ति के लालच में बेटे के साथ मिलकर अविवाहित भाई की हत्या करने के मामले में फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने बाप-बेटे को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 2.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ये मामला 10 साल पुराना है।
एडीजीसी क्राइम दिगंबर पटेल ने बताया कि बहेड़ी क्षेत्र के गांव भोजपुर के 42 साल के अविवाहित चरन सिंह की 20 नवंबर साल 2014 को हत्या हो गई थी। मृतक के भाई रघुवीर सिंह ने कोतवाली बहेड़ी में अपने मामा के भतीजे हरपाल निवासी हल्दी खुर्द, मीरगंज के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चरन सिंह मर्डर केस में बहेड़ी पुलिस ने बहुत गहनता से विवेचना की थी। विवेचना में खुलासा हुआ कि मृतक चरन सिंह के मामा अविवाहित थे। मामा की कृषि भूमि उसकी मां को मिली थी। मामा की मौत के बाद चरन सिंह अपनी ननिहाल में रहकर जमीन की देखभाल करता था। चरन सिंह के नाम अपने हिस्से की 18 बीघा जमीन भी थी।
रघुवीर सिंह को शक था कि अविवाहित भाई चरन सिंह अपने हिस्से की जमीन किसी दूसरे भाई को दे देगा। इसलिए रघुवीर ने अपने बेटे मोनू उर्फ तेजपाल सिंह के साथ मिलकर अपने सगे अविवाहित भाई चरन सिंह का मर्डर कर दिया। इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में हुई और शनिवार को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। मंगलवार को कोर्ट ने दोनों दोषी रघुवीर सिंह और उसके बेटे मोनू उर्फ तेजपाल सिंह को फांसी की सजा सुनाई है। दोनों पर 2 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।