डेढ़ करोड़ के पटाखों से बढ़ेगा शोर, जहरीली होगी हवा
दीपावली की तैयारियों के साथ साथ आतिशबाजी को लेकर भी शहरी गम्म्भीर हैं। इस बार एक अनुमान के मुताबिक डेढ़ करोड़ के पटाखे फोड़ने की तैयारी है। इतनी भरी भरकम रकम की लाइसेंसी आतिशबाजी जिले में आ चुकी है...
दीपावली की तैयारियों के साथ साथ आतिशबाजी को लेकर भी शहरी गम्म्भीर हैं। इस बार एक अनुमान के मुताबिक डेढ़ करोड़ के पटाखे फोड़ने की तैयारी है। इतनी भरी भरकम रकम की लाइसेंसी आतिशबाजी जिले में आ चुकी है और अभी इसकी आपूर्ति हो रही है। त्योहार से तीन दिन पहले तक पूरी आतिशबाजी जिले में होगी और इसके बाद हर तरफ शोर और प्रदूषण।
आतिशबाजी के शौकीन इस बार डेढ़ करोड़ रुपए के पटाखे फोड़ने का प्लान बना रहे हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि पटाखे के फूटने के साथ कई सारे केमिकल भी निकलते हैं। जैसे कि कापर, जिंक, लेड और मैग्नीशियम जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इसके अलावा पटाखों के फोड़ने से जलने और चोट लगने का भी खतरा रहता है। आतिशबाजी से उठने वाला धुआं भी आंखों और सांस की बीमारियों को भी बढ़ावा देता है। यह आलम हर साल दीपावली से पहले ही शुरू हो जाता है। दरअसल पटाखों के शोर से ध्वनि प्रदूषण कई गुना तक बढ़ जाएगा। ऐसे में घर से बाहर निकलने में एहतियात बरतना जरूरी है।
सवा सौ लाइसेंसधारी बेचेंगे पटाखे
जनपद में पटाखे बनाने की फैक्ट्रियों के लाइसेंस सदर तहसील में 27, बिंदकी में 14 और खागा में 19 हैं। यहां बनने वाले पटाखों की सप्लाई कुछ तो जिले में ही होती है बाकी गैरजनपदों में। जिले में पटाखे बेचने के लिए करीब एक सैकड़ा से अधिक दुकानदारों के पास लाइसेंस हैं। ऐसे दुकानदार बाहर से ही अपना माल मंगाते हैं। ऐसे दुकानदार लोकल माल से अधिक शिवाकाशी के माल की मांग करते हैं। जिस पर ग्राहकों को भी यकीन रहता है।
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