इटावा हत्याकांड: बीवी-बच्चों को मारने का कोई पछतावा नहीं...हमें तो मरना ही है, आरोपी ने बताई पूरी कहानी
इटावा में सोमवार को बीवी और तीन बच्चों की हत्या करने वाले सर्राफा कारोबारी मंगलवार को मीडिया से रूबरू हुआ। उसे न कोई पछतावा था न ही माथे पर शिकन। पूछे जाने पर उसने कहा- हमें तो मौका मिलते ही मरना है..।
यूपी के इटावा के लालपुरा मोहल्ले में सोमवार सुबह पत्नी व तीन बच्चों की हत्या करने वाले ज्वैलरी के थोक व्यापारी 45 वर्षीय मुकेश वर्मा मंगलवार को मीडिया से रूबरू हुआ। उसे न कोई पछतावा था न ही माथे पर शिकन। मुकेश ने हर सवाल का ऐसा जवाब दिया जैसे हत्याकांड की पटकथा वह काफी पहले लिख चुका हो। बस कहानी का अंत करना था। मीडिया के पूछने पर बोला, हमें कोई पछतावा नहीं है। हमें तो मौका मिलते ही मरना है..।
मुकेश दिल्ली से ज्वैलरी लाकर व्यापारियों को बेचता था। पुलिस के अनुसार उसने रिश्तेदारों को 15 लाख रुपये उधार दिए थे, जो वापस नहीं दे रहे थे। साथ ही ताना मारते थे। इस कारण उसको दिल्ली से व्यापार करने में दिक्कत आ रही थी। धीरे-धीरे घर खर्च ज्यादा और आमदनी कम होती गई। इससे वह काफी समय से तनाव में था। मीडिया के सामने मुकेश ने बताया कि निजी उलझनों के चलते सिर्फ वह आत्महत्या करना चाहता था लेकिन पत्नी रेखा ने कहा कि उसका और बच्चों का क्या होगा। दोनों की सहमति के बाद उसने सभी को मारने फिर आत्महत्या करने की योजना बनाई। मुकेश के अनुसार सोमवार को पहले पत्नी ने पंखे के सहारे फांसी लगाने की कोशिश की, जिसमें उसने स्टूल पकड़ रखा था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी। फिर पत्नी ने कहा कि नींद की गोलियां खिला दो.. फिर जो करना है वो कर लेना। मुकेश ने पत्नी को नींद की गोलियां खिलाईं फिर रस्सी से गला कसकर मार डाला।
नींद में बच्चे बोले थे... पापा ये क्या कर रहे हो
एसएसपी संजय वर्मा के अनुसार पूछताछ में मुकेश ने बताया कि उसने नींद की 15 गोलियां खरीदी थीं। पांच पत्नी को खिलाईं बाकी बच्चों को दे दी थी। पत्नी को मारने के बाद मुकेश ने छोटी बेटी काव्या और बेटे अभीष्ट को भी नीद की गोलियां खिलाईं और रस्सी से दोनों का गला घोंट दिया। फिर दूसरी मंजिल पर लेटी बड़ी बेटी के साथ भी यही किया। मुकेश के अनुसार बच्चों का गला घोंटते समय बच्चे बोले थे-पापा ये क्या कर रहे हो, तब उनसे कहा कि मेरे बाद तुम लोग रह नहीं पाओगे, इसलिए मरना ही बेहतर है और गला घोंटकर सभी को मार डाला। हालांकि मीडिया के सामने उसने पहले कहा कि बच्चों को नहीं बताया था। लेकिन पुलिस को बताया कि बच्चों को बताकर ही नींद की गोलियां दी थीं।
पत्नी बोली थी...करवा चौथ हो जाने दो
मुकेश ने बताया कि वह करवाचौथ से एक दिन पहले आत्महत्या करने जा रहा था तो पत्नी रेखा ने रोकते हुए कहा कि अगर मरना है तो संग मरना। तुम्हारे बिना हमारा क्या होगा। बच्चे इतने बड़े नहीं हैं कि खुद पैरों पर खड़े हो जाएं। खर्चे बहुत हैं। ससुराल और मायका दोनों उन्हें संभालने में सक्षम नहीं है। करवाचौथ हो जाने दो फिर मरेंगे।
दो डॉक्टरों ने पैनल ने किया पोस्टमार्टम
रेखा, भव्या, काव्या और अभीष्ट के शव का दो डॉक्टरों के पैनल से मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम कराया गया। साथ ही वीडियोग्राफी भी हुई। एसएसपी के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नींद की गोलियां देने के बाद रस्सी से गला कसकर मारने की पुष्टि हुई है।
सबको मारने के बाद गया था कोतवाली
पुलिस ने बताया कि सोमवार सुबह पांच बजे घटना को अंजाम देने के बाद मुकेश टहलते हुए कोतवाली पहुंचा। वहां लगे सूचना बोर्ड से सीओ का नंबर नोट किया। सोमवार रात 8.15 बजे सीओ के मोबाइल पर एक सुसाइड नोट भेजा जिसमें कुछ रिश्तेदारों के नाम हैं, जिनसे उधार दिए पैसे नहीं मिल रहे थे। इन्हीं के कारण परिवार को खत्म कर जान देने की बात सुसाइड नोट में लिखी थी। पुलिस अब इस नोट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।
बेटी पढ़ रही थी डीयू के कॉलेज में
13 वर्षीय अभीष्ट ज्ञानस्थली में 8वीं कक्षा में पढ़ता था, और बेटी काव्या 11 वीं में इसी स्कूल में पढ़ती थी। सबसे बड़ी बेटी भव्या दिल्ली यूनिवर्सिटी के रानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय में बीकॉम फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी और घटना के एक दिन बाद उसे दिल्ली वापस जाना था। घटना की सुबह लगभग 8 बजे दूधवाला दूध देने के लिए घर आया था लेकिन कई बार आवाज लगाने के बाद भी जब गेट नहीं खुला तो उसने फोन किया लेकिन फोन भी स्विच ऑफ था।
एक साल पहले ही बेची थी दुकान
मुकेश ने एक साल पहले ही 10 लाख रुपये में दुकान बेची थी। वह रुपये उसने बड़ी बेटी भव्या के डीयू में बीकाम के एडमिशन में खर्च किए और कुछ रुपये उधार भी दिए थे। मुकेश ने घटना के बाद सोमवार की सुबह अपने साले सत्येंद्र को फोन किया था लेकिन उसको घटना की जानकारी नहीं दी थी, केवल हालचाल लिए थे।
मरी पत्नी की अंगूठी बेच चुकाए उधार
पत्नी और बच्चों की मौत के बाद पति मुकेश ने पत्नी रेखा की हाथों से अंगूठी उतारकर गल्ला मंडी में जाकर बेंची थी और उन रुपये से मोहल्ले में बनी एक टिपटॉप नाम के हेयर सैलून की 700 की उधारी चुकायी। उसके बाद 15 हजार रुपये सोनू की उधारी के दिए। सोनू मोहल्ले का ही रहने वाला है और मुकेश ने उससे उधार पैसे लिए थे।