हाईकोर्ट में हाजिर हुए डीजीपी प्रशांत कुमार, हलफनामा के साथ कहा- आदेश का पालन कर दिया
अभियोजन की खामियों से मुकदमों के निस्तारण में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए हाईकोर्ट की सख्ती काम आई। कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस विभाग ने खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं। गुरुवार को डीजीपी प्रशांत कुमार हाईकोर्ट में हाजिर हुए।
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अभियोजन की खामियों से मुकदमों के निस्तारण में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए हाईकोर्ट की सख्ती काम आई। कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस विभाग ने खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं। गुरुवार को डीजीपी प्रशांत कुमार हाईकोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने हलफनामा देकर कोर्ट को बताया कि आदेश का अनुपालन कर दिया गया है। सम्मन आदेशों का पालन कराने के लिए अभियोजकों व आपराधिक इतिहास को 19 बिंदुओं में प्रस्तुत करने के लिए विवेचक को प्रशिक्षण दिया गया है। निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जा चुका है।
इस प्रकरण पर एक जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अधिकारियों को आदेश दिया था। पूर्व के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ने आला अधिकारियों को तलब किया था। अदालत ने महेश की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान पाया कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तावित गवाहों की कोई सूची प्रस्तुत नहीं की गई थी। जबकि शाहजान मामले में इस न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को परीक्षण शुरू होने पर निर्धारित प्रपत्र में गवाहों की एक सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
इसका पालन न करने से जमानत आवेदनों के शीघ्र निपटान में बाधा पहुंच रही है। जमानत आवेदनों की सुनवाई के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली में भी कई खामियां नजर आईं। केस डायरियां बहुत बड़ी प्रस्तुत की जाती हैं। इसकी वजह से सरकारी अधिवक्ताओं को इसका अध्ययन करने में काफी समय लगता है और जमानत की सुनवाई में देरी होती है। कोर्ट ने शहजान और पीटर बलदेव के मामलों में दिए गए आदेशों का अनुपालन नहीं किए जाने पर खेद जताया।
इन सब कमियों को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व के आदेश में कहा था कि अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता, प्रमुख सचिव (कानून), पुलिस महानिदेशक राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ एक बैठक करेंगे। यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस विभाग के विभिन्न विभाग मिलकर काम करें। कोर्ट के निर्देशों का पालने करते हुए बैठक में चर्चा किए गए बिंदुओं को सूचीबद्ध करते हुए अगली तारीख से प्रस्तुत करेंगे।
पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अभियोजन) से अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर निर्देशों के अनुपालन में एक हलफनामा दाखिल करेंगे। इसके बाद कई बार तारीखें लगीं, लेकिन डीजीपी न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। गुरुवार को डीजीपी उत्तर प्रदेश, महानिदेशक (अभियोजन), प्रमुख सचिव न्याय न्यायमूर्ति के चेंबर में उपस्थित होकर आदेश के अनुपालन में हलफनामा प्रस्तुत किया।