50 हजार पुलिसकर्मी, एटीएस, STF और पीएसी के जवान, अभेद होगी महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था : DGP
- डीजीपी प्रशांत कुमार ने साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भी पूरे इंतजाम होने की बात कही। पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, ड्रोन या अन्य हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए हवाई निगरानी की जाएगी।
13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर यूपी सरकार ने कमर कस ली है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। महाकुंभ में किसी तरह की अनहोनी न हो, इसके लिए भी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने विस्तार से जानकारी दी। डीजीपी ने साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भी पूरे इंतजाम होने की बात कही। पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, ड्रोन या अन्य हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए हवाई निगरानी की जाएगी और लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को प्रबंधित करने और निगरानी करने तथा इस बड़े आयोजन में भीड़भाड़ या भगदड़ को रोकने के लिए अभिनव उपाय किए जाएंगे। महाकुंभ की सुरक्षा अभेद होने वाली है।
50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी के अलावा एसटीएफ, एटीएस समेत तमाम एजेंसियां नजर रखेंगी। जल, थल और आसमान से भी महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि वीआईपी संस्कृति का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार की गई है, जिसके तहत वीआईपी को चार पहिया वाहनों पर महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सामान्य दिनों में सभी को एक किलोमीटर से अधिक पैदल चलना होगा, लेकिन शाही स्नान (जिसे अब राजसी स्नान के रूप में जाना जाता है) जैसी महत्वपूर्ण तिथियों पर लगभग तीन किलोमीटर पैदल चलना होगा। उन्होंने कहा कि करीब 102 पार्किंग स्थलों पर पांच लाख से अधिक वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। डीजीपी ने हर छोटी-बड़ी बात पर चर्चा की।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, 12 किलोमीटर के घाटों सहित 4000 हेक्टेयर के महाकुंभ क्षेत्र में 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। उन्होंने कहा कि बल में एटीएस, एसटीएफ, पीएसी जैसी विशेष राज्य एजेंसियों और एनएसजी, सीएपीएफ जैसी केंद्रीय एजेंसियों के लोग शामिल होंगे। इसके अलावा, नदी मार्ग की सुरक्षा के लिए विशेष अधिकारियों के साथ-साथ नौसेना के कमांडो के साथ 'जल पुलिस' की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की जा रही है। डीजीपी ने कहा कि सामान्य सीसीटीवी कैमरों के अलावा, जिनकी संख्या 2700 से अधिक है, हमने हवाई निगरानी और ड्रोन रणनीतियों का मुकाबला करने के लिए महाकुंभ क्षेत्र के चारों ओर रणनीतिक बिंदुओं पर कई ड्रोन लगाए हैं।
दुष्ट ड्रोन का मुकाबला करने के लिए आयोजन स्थल के कई क्षेत्रों में ड्रोन विरोधी टीमें तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि आग, भगदड़, डूबने, सीबीआरएन (रासायनिक जैविक रेडियोलॉजिकल और परमाणु) दुर्घटनाओं/हमलों आदि जैसी कई तरह की आपात स्थितियों के मामले में कम से कम 54 मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा, हमारे पास 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र हैं, जो खोए हुए लोगों, मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को खोजने में सहायता करेंगे, साथ ही उन्हें तब तक देखभाल और आराम देंगे जब तक वे अपने परिवारों से नहीं मिल जाते।
महाकुंभ-2025 के प्रमुख स्नान पर्व
पौष पूर्णिमा | 13 जनवरी |
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मकर संक्रांति (शाही स्नान) | 14 जनवरी |
मौनी अमावस्या (शाही स्नान) | 29 जनवरी |
बसंत पंचमी (शाही स्नान) | 3 फरवरी |
माघी पूर्णिमा | 12 फरवरी |
महा शिवरात्रि | 26 फरवरी |