बरहज थाने से गायब हो गया दो साल का अपराध रजिस्टर
बरहज। बरहज थाने के अभिलेखागार से दो साल का अपराध रजिस्टर ही गायब हो
बरहज। बरहज थाने के अभिलेखागार से दो साल का अपराध रजिस्टर ही गायब हो गया है। यह कोई और नहीं बल्कि स्वयं पुलिस एसपी को भेजी गई एक रिपोर्ट में कह रही है। अभिलेख गायब होने की जानकारी होते ही थाने में हड़कम्प मचा हुआ है।
नगर के जयनगर निवासी कटेश्वर प्रसाद पुत्र महावीर प्रसाद ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि आपात काल के दौरान 25 मार्च 1975 से 21 मार्च 1977 के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए हुए आंदोलन में वे शामिल रहे। आंदोलन में शामिल होने पर बरहज थाने में उनके साथ ही आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मीसा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। उच्च न्यायालय से मेरी जमानत भी हुई थी।
आंदोलन में शामिल अन्य लोगों को लोकतंत्र रक्षक सेनानी की पेंशन मिल रही है लेकिन कटेश्वर इससे वंचित हैं। कटेश्वर ने आवेदन में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे की प्रमाणित कॉपी मांगी थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें बताया गया है कि 1975 से 1977 का अपराध रजिस्टर थाने में उपलब्ध नहीं है।
2015 में उपलब्ध था अपराध रजिस्टर
कटेश्वर प्रसाद ने वर्ष 2015 में सूचना का अधिकार कानून के तहत पुलिस अधीक्षक को प्रतिवेदन दिया था। प्रतिवेदन में 1975 से 1977 के बीच मीसा के तहत दर्ज हुए मुकदमे औऱ और आरोपित लोगों के नाम की सूची मांगी थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर बरहज पुलिस ने आठ लोगो का नाम अपराध संख्या सहित प्रमाणित कर दिया था। जिसमे कटेश्वर का नाम भी शामिल था।
अभी हम छुट्टी पर हैं। इस प्रकरण की जानकारी मुझे नही है। छुट्टी से वापस लौटने के बाद इसके बारे में पता करूंगा। इसके बाद ही मै कुछ बता पाऊंगा।
आदित्य कुमार गौतम, सीओ बरहज।
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