Hindustan Special: बरेली के इस मूक-बधिर के हाथों में जादू, ऐसे बनाये सॉफ्ट टॉयज कि चेन्नई तक हो रही मांग
- बरेली की जनकपुरी कालोनी के मूक बधिर प्रदीप अग्रवाल ने चुनौतियों से मुकाबला कर आजीविका के क्षेत्र में नया मुकाम बनाया है। प्रदीप अग्रवाल ने सॉफ्ट टॉयज और घरेलू उपयोग के बैग बनाने का काम शुरू किया। धीरे-धीरे मांग बढ़ती गई।
बरेली के जनकपुरी कालोनी के मूक बधिर प्रदीप अग्रवाल ने चुनौतियों से मुकाबला कर आजीविका के क्षेत्र में नया मुकाम बनाया है। प्रदीप अग्रवाल ने सॉफ्ट टॉयज और घरेलू उपयोग के बैग बनाने का काम शुरू किया। धीरे-धीरे मांग बढ़ती गई। देश के ज्यादातर राज्यों में प्रदीप अग्रवाल अपने उत्पादों की बिक्री करने जा चुके हैं। चेन्नई में प्रदीप अग्रवाल के सॉफ्ट टॉयज की सबसे अधिक मांग है। प्रदीप अग्रवाल ने बरेली के संकेत विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। प्रदीप अग्रवाल की पत्नी भी मूक बधिर हैं। शादी के बाद प्रदीप ने कपड़ों की सिलाई का काम शुरू किया। इसी दौरान सॉफ़्ट टॉयज बनाने का प्रशिक्षण लिया।
प्रदीप ने शुरूआत में प्रदर्शनियों में सॉ़फ्ट टॉयज के स्टॉल लगाए। आशी क्रिएशन नाम से अपने उत्पादों को पहचान दी। सरकार की योजनाओं को भी लाभ लिया। दूसरे राज्यों की प्रदर्शनियों में भी अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए। सॉफ्ट टॉयज-बैग और उत्सव विशेष पर तैयार की गईं ड्रेस की मांग बढ़ती गई तब उन्होंने घर के एक हिस्से को कारखाने में तब्दील कर दिया। प्रदीप अग्रवाल अपने उत्पादों के बारे में खुद लोगों को जानकारी देते हैं। आजीविका के क्षेत्र में प्रदीप की कामयाबी की रिपोर्ट प्रशासन ने शासन को भेजी है। प्रशासन ने उन्हें राज्य पुरस्कार देने की सिफारिश भी की है।
डेफनेस्ट फांउडेशन के जरिए कर रहे मदद
प्रदीप अग्रवाल डेफनेस्ट फांउडेशन के जरिए बेसहारा लोगों की खूब मदद करते हैं। गरीब लोगों को भोजन कराने के साथ कपड़ों को वितरण भी करते हैं। सामाजिक कार्यों में डेफनेस्ट फाउंडेशन अपनी भूमिका निभा रहा है।
त्योहारों पर बनाते हैं खास ड्रेस
प्रदीप अग्रवाल त्योहारों पर खास ड्रेस तैयार करते हैं। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की अलग-अलग ड्रेस बनाते हैं। क्रिसमस पर सेंटा क्लॉज की ड्रेस भी बनाते हैं। दीवाली पर घरों की सजावट से जुड़े उत्पाद भी प्रदीप अग्रवाल तैयार करते हैं।