कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को कोर्ट से लगा झटका, रेप मामले में जमानत याचिका खारिज
कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को एक और झटका लगा है। उनकी जमानत याचिका बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी। अब राठौर को अपनी जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाना होगा।
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सीतापुर से कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को एक और झटका लगा है। उनकी जमानत याचिका बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी। अब राठौर को अपनी जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाना होगा। बता दें कि कांग्रेस सांसद के खिलाफ 15 जनवरी को एक महिला से शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
याचिका पर सुनवाई के दौरान पीड़िता पक्ष के अधिवक्ताओं ने सांसद के राजनीतिक प्रभावों का हवाला देते हुए साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किए जाने और पीड़िता को प्रभावित करने की आशंका जताते हुए जमानत न देने की मांग की। दूसरी ओर सांसद के अधिवक्ताओं ने मामले को सुनियोजित साजिश बताते हुए जमानत दिए जाने की मांग की। इस संबंध में सांसद के अधिवक्ताओं की ओर से उच्च न्यायालय के तीन पूर्व फैसलों की प्रतिलिपि भी न्यायालय में प्रस्तुत की गई।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलों में कहा कि यह मामला राजनीतिक षड़यंत्र का हिस्सा है और महिला द्वारा सुनियोजित तरीके से सांसद की छवि को धूमिल करने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। तो दूसरी ओर पीड़ित पक्ष के वकीलों ने आसाराम और पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मामलों का हवाला देते हुए जमानत याचिका खारिज करने की मांग की। करीब 25 मिनट तक दोनों पक्षों की बहस और दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश दिनेश नागर ने शाम को फैसला सुनाने का निर्णय लिया। शाम को न्यायाधीश ने सांसद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायाधीश ने अपने निर्णय में क्या कहा
न्यायाधीश दिनेश नागर ने अपने निर्णय में कहा कि प्रस्तुत प्रकरण महिलाओं के खिलाफ गंभीर प्रकृति के अपराध बलात्कार से संबंधित है। प्रार्थी-अभियुक्त वर्तमान में सीतापुर लोकसभा सीट से सांसद है, जिस पर बलात्कार जैसा गंभीर आरोप है। प्रकरण में विवेचना जारी है अत: तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मामले के गुण व दोष पर विचार किए बिना अभियुक्त राकेश राठौर को जमानत पर छोड़ जाने का आधार पर्याप्त नहीं पाता हूं। अभियुक्त राकेश राठौर का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने योग्य है।