नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में घुसने की कोशिश कर रहा था बांग्लादेशी हिंदू दंपति, SSB ने दबोचा
पीलीभीत जिले में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में पुलिस ने एक बांग्लादेशी हिंदू दंपति और उनके चार वर्षीय बच्चे को बुधवार को हिरासत में लिया। दंपति 28 जनवरी को वैध वीजा पर नेपाल पहुंचा था, जिसकी अवधि 10 फरवरी तक थी।
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उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में पुलिस ने एक बांग्लादेशी हिंदू दंपति और उनके चार वर्षीय बच्चे को बुधवार को हिरासत में लिया। पुलिस के मुताबिक, यह दंपति 28 जनवरी को वैध वीजा पर नेपाल पहुंचा था, जिसकी अवधि 10 फरवरी तक थी। लेकिन इसके बाद वे अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गाभिया सहराई गांव में शरण लेने लगे।
माधोटांडा थाने के प्रभारी अशोक पाल सिंह ने बताया कि खुफिया एजेंसियों से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और इस परिवार को हिरासत में लिया। पुलिस पूछताछ में दंपति ने बताया कि बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गए, जिसके चलते उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा। वे पहले नेपाल पहुंचे और फिर वहां से भारत में प्रवेश किया। हिरासत में दंपति ने बेटी के बीमार होने पर इस क्षेत्र में आने की बात कही है। बांग्लादेश में हालत खराब होने पर भारत में आकर यहां रहने की आशंका भी जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, पीलीभीत का गाभिया गांव लंबे समय से विस्थापित बंगाली परिवारों का बसेरा रहा है। साल 1965 से 1971 के बीच अब बांग्लादेश से आए कई परिवार यहां बस गए थे। फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि दंपति ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए किसकी मदद ली और आगे उनकी क्या योजना थी। इस मामले में माधोटांडा इंस्पेक्टर अशोक पाल ने बताया कि बांग्लादेश के दंपत्ति को उनकी चार साल की बेटी के साथ पकड़ा गया है। 27 जनवरी को सभी काठमांडू टूरिस्ट वीजा पर घूमने आए थे। 28 जनवरी को यह लोग कंजिया सिंहपुर आ गए। बेटी के बीमार होने पर यहां आने की बात कह रहे हैं। पूछताछ की जा रही है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।